सरकार बीपीसीएल के निजीकरण के लिए एफडीआई नीति में बदलाव पर कर रही है विचार

सरकार बीपीसीएल के निजीकरण के लिए एफडीआई नीति में बदलाव पर कर रही है विचार

  •  
  • Publish Date - May 28, 2021 / 05:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) सरकार मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव करने पर विचार कर रही है, ताकि विदेशी निवेशकों को भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में बहुलांश हिस्सेदारी लेने की अनुमति मिल सके।

सूत्रों ने यह जानकारी दी। सरकार बीपीसीएल का निजीकरण कर रही है और वह कंपनी में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है।

वेदांत समूह ने बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) दाखिल किया था। बताया जा रहा है कि अन्य दो बोलीदाता वैश्विक फंड हैं, जिनमें एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है।

सूत्रों ने बताया कि इस बारे में एक प्रस्ताव पर विनिवेश विभाग (डीआईपीएएम), उद्योग विभाग (डीपीआईआईटी) और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के बीच चर्चा जारी है।

इस समय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा संचालित पेट्रोलियम रिफाइनिंग में स्वचालित मार्ग के माध्यम से केवल 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है और ऐसा बिना किसी विनिवेश या मौजूदा पीएसयू की घरेलू इक्विटी को घटाए बिना ही किया जा सकता है। इस प्रावधान से कोई विदेशी खिलाड़ी बीपीसीएल में 49 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएगा।

सूत्रों के मुताबिक डीआईपीएएम ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के लिए मौजूदा एफडीआई नीति में संशोधन करने का सुझाव दिया है।

दूसरी ओर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस खास मामले के लिए अलग से एक प्रावधान करने का सुझाव दिया है।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय