नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सरकार ने वैश्विक परामर्श और लेखा परीक्षा कंपनियों को चुनौती देने के लिये बहु-विषयी साझेदारी (एमडीपी) फर्में गठित करने का प्रस्ताव रखा है और इस पर सार्वजनिक सुझाव 30 सितंबर तक मांगे हैं।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने बुधवार को कहा कि एमडीपी फर्में एक ही छत के नीचे लागत अभिलेखों के रखरखाव, लेखांकन, लेखा परीक्षा, सचिवीय, विधिक, मूल्यांकन और प्रबंधन जैसी कई सेवाएं प्रदान करेंगी।
मंत्रालय ने बताया कि घरेलू परामर्श एवं लेखा परीक्षा कंपनियों के परिवेश को विकसित करने के लिये एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) गठित किया गया है जिसकी अध्यक्षता मंत्रालय की सचिव कर रही हैं।
एमसीए ने कहा कि परामर्श और लेखा परीक्षा का वैश्विक उद्योग करीब 240 अरब डॉलर का है जिसमें पीडब्ल्यूसी, डेलॉयट, केपीएमजी, ईवाई, मैकेंजी एंड कंपनी और बेन एंड कंपनी जैसी दिग्गज वैश्विक कंपनियों का दबदबा है।
भारत के पास प्रतिभा का मजबूत आधार होने के बावजूद घरेलू कंपनियां उच्च मूल्य वाले ऑडिट और परामर्श क्षेत्रों में अभी मुकाम नहीं बना पाई हैं।
सरकार का कहना है कि यह पहल आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के तहत रणनीतिक ऑडिट और परामर्श सेवाओं में बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर निर्भरता घटाने और भारतीय वैश्विक ब्रांड तैयार करने की दिशा में एक कदम है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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