नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की विश्वसनीयता, सटीकता और गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार लाने के उद्देश्य से खुदरा मुद्रास्फीति की गणना में ऑनलाइन स्रोतों के साथ-साथ ई-कॉमर्स मंच को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) सीपीआई, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना के लिए आधार वर्षों को संशोधित करने की प्रक्रिया में है।
सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित मुद्रास्फीति) की नई श्रृंखला के आंकड़े (2024 =100) को आधार वर्ष मानते हुए 12 फरवरी, 2026 को जारी किए जाने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2022-23 को आधार वर्ष मानकर राष्ट्रीय लेखा संबंधी आंकड़े 27 फरवरी, 2026 को जारी किए जाएंगे, जबकि 2022-23 को आधार वर्ष मानते हुए आईआईपी की नई श्रृंखला के आंकड़े 28 मई को जारी होंगे।
मंगलवार को मंत्रालय ने सीपीआई, जीडीपी और आईआईपी के आधार वर्ष संशोधन पर परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया।
मंत्रालय ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में नए आंकड़ा स्रोतों को शामिल करने के संबंध में कहा कि वर्तमान श्रृंखला में भौतिक दुकानों से एकत्र किए जा रहे आंकड़ों के अतिरिक्त, 25 लाख से अधिक आबादी वाले 12 चयनित शहरों में ई-कॉमर्स मंच से भी कीमत आंकड़े प्राप्त की जाएंगी।
रेल किराये के लिए रेलवे, ईंधन की कीमतों के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय और डाक शुल्क के लिए डाक विभाग के साथ समन्वय में प्रशासनिक आंकड़े प्राप्त करने के भी प्रयास किए जाएंगे।
एमओएसपीआई ने कहा कि हवाई किराये, दूरसंचार सेवाओं और ओटीटी (ओवर द टॉप) मंच के लिए, वेब-आधारित तरीकों का उपयोग करके ऑनलाइन स्रोतों से मूल्य आंकड़े संकलित करने का प्रस्ताव है।
मंत्रालय के अनुसार, ‘‘इन वैकल्पिक और डिजिटल डेटा स्रोतों को अपनाने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की प्रतिनिधित्व क्षमता, विश्वसनीयता, सटीकता और समग्र गुणवत्ता में काफी सुधार होने की उम्मीद है।’’
मंत्रालय शहरी और ग्रामीण बाजारों में भी दायरा बढ़ा रहा है। साथ ही बदलते उपभोग प्रतिरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए ई-कॉमर्स मूल्य आंकड़े और अन्य डिजिटल स्रोतों को भी शामिल कर रहा है।
जीडीपी आधार वर्ष संशोधन से नए आंकड़ों के स्रोतों को शामिल करने और संकलन प्रक्रिया कार्यप्रणालीगत सुधारों, मानकों और वर्गीकरणों के अनुरूप बनाने में भी सुविधा होगी।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने कहा कि मंत्रालय को फरवरी में नए आंकड़ों की श्रृंखला जारी होने के बाद भी जीडीपी अनुमानों में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीडीपी आंकड़ों पर इसके प्रभाव के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सामान्य तौर पर, हम अपने पिछले अनुमानों से ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं।’’
गर्ग ने कहा कि माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) फाइलिंग जैसे वास्तविक समय के आंकड़ों की उपलब्धता राज्यों को संशोधित जीडीपी पद्धति के तहत विकास का अधिक सटीक अनुमान लगाने में मदद करेगी।
सचिव ने कहा कि सरकार के पास अब असंगठित क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) है, जिससे आंकड़ों की गुणवत्ता में और सुधार करने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय देश के उत्पादन में आधे से अधिक योगदान देने वाले क्षेत्रों के बेहतर तरीके से मापने के उद्देश्य से सेवा क्षेत्र उद्यमों का एक नया वार्षिक सर्वेक्षण शीघ्र ही शुरू करने की प्रक्रिया में है।
सरकार 2026 में सेवा उत्पादन सूचकांक शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
इसके अतिरिक्त, सरकार अगले छह महीनों में वस्तुओं और सेवाओं दोनों को शामिल करते हुए एक व्यापक राष्ट्रीय उत्पाद वर्गीकरण (एनआईपी) भी संकलित करेगी।
भाषा रमण अजय
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