अब कपड़े पर नहीं देना होगा 12 प्रतिशत GST, राज्यों और इंडस्ट्री की डिमांड पर काउंसिल ने लिया बड़ा फैसला
राज्यों और इंडस्ट्री की डिमांड पर काउंसिल ने लिया बड़ा फैसला! gst council takes back its decision to increase gst on textile
नई दिल्ली: gst council takes back वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज GST काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग हुई जिसमें टेक्सटाइल यानी कपड़ों पर टैक्स बढ़ाने का फैसला वापस ले लिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, आज की मीटिंग में तय किया गया कि टेक्सटाइल के GST रेट को रिव्यू के लिए रेशनलाइजेशन कमेटी के पास भेजा जाएगा। फरवरी में कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद फरवरी के आखिर में या मार्च की शुरुआत में कमेटी की रिपोर्ट पर मीटिंग में चर्चा होगी।
gst council takes back बीते दिनों सरकार ने टेक्सटाइल पर 7% टैक्स बढ़ा दिया था। एक जनवरी से इसे लागू होना था। कई राज्यों और इंडस्ट्री ने सरकार से टेक्सटाइल में बढ़ोतरी को वापस लेने की रिक्वेस्ट की थी। मगर सरकार ने ये फैसला क्या सिर्फ विरोध के कारण लिया या इसके पीछे कोई और तर्क है।
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दरअसल क्लोदिंग essential goods में शामिल है। होजरी मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने GST बढ़ाने के फैसले पर चिंता जताई थी। होजरी मैन्युफैक्चरर का कहना था कि इससे आम आदमी प्रभावित होगा और MSME सेक्टर को भी इससे नुकसान होगा। देश के कपड़ा उत्पादन में unorganised sector का 80% से ज्यादा का योगदान है। ऐसे में अगर कपड़ों पर GST बढ़ा दिया जाता तो इससे बुनकरों को काफी नुकसान होता। कोरोना महामारी से पिछले 2 सालों में काफी नुकसान हुआ है। GST बढ़ाने की घोषणा से रिकवरी पर भी गहरा असर पड़ता।
बढ़ते खर्च और current financial year की पहली छमाही में कोविड की दूसरी लहर के आर्थिक प्रभाव के कारण, सरकार already कम राजस्व का सामना कर रही हैं। सरकार ने बीते दिनों पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी भी कम की थी। इससे भी सरकार पर बोझ बढ़ा था। ऐसे में सरकार टेक्सटाइल पर GST बढ़ाकर राजस्व की स्थिति में कुछ सुधार करना चाहती थी परउसे अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा। क्या सरकार का ये कदम सही है या गलत, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।

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