(GST Cut Impact, Image Credit: IBC24 News Customize)
नई दिल्ली: GST Cut Impact: त्योहारी सीजन में लोग जहां सोना-चांदी की खरीदारी में जुटे हैं, वहीं घर खरीदने वालों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है। सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती से अब दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। सबसे खास बात यह है कि घर बनाने की लागत भी पहले की अपेक्षा सस्ती हो गई है, जिससे यह समय रियल एस्टेट में निवेश के लिए बेहद अनुकूल समय माना जा रहा है।
नई जीएसटी व्यवस्था यानी ‘GST 2.0‘ के तहत घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं। पहले इन पर अलग-अलग टैक्स लगते थे, जिससे लागत ज्यादा आती थी। अब नए स्लैब के चलते न केवल टैक्स सरल हुआ है, बल्कि घर बनाना भी किफायती हुआ है।
मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
टैक्स दर 28% से घटकर अब 18% हो गई है। चूंकि कुल निर्माण खर्च में सीमेंट की हिस्सेदारी 20% से 25% तक होती है, इसलिए इसका प्रभाव सीधा लागत पर पड़ेगा।
इन पर जीएसटी 18% से घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है। इससे फर्श, दीवार और प्लास्टरिंग की लागत में बड़ी कमी आई है।
जहां, पहले इन पर 28% टैक्स लगता था, अब 18% के स्लैब में ला दिया गया है, जिससे इंटीरियर और फिनिशिंग खर्च घट गए हैं।
इन पर अभी भी 18% टैक्स है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट की नई सुविधा से खरीद लागत कम हो रही है।
पहले ऊंचे टैक्स स्लैब में थे, अब 18% पर आ गए हैं। इससे लकड़ी से जुड़े काम भी सस्ते होंगे।
इन टैक्स सुधारों से निर्माण लागत में 3-5% तक की कमी देखने को मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर जो घर पहले 70 लाख रुपये का था, उसकी कीमत अब घटकर करीब 67.90 लाख रुपये हो सकती है यानी 2.10 लाख रुपये की सीधी बचत होगी।
यहां ऊंची इमारतों में स्टील और सीमेंट की खपत अधिक होती है। सीमेंट पर 10% टैक्स कटौती से फ्लैट की कीमतों में 1-1.2% की कमी आई।
यहां मिड-सेगमेंट प्रोजेक्ट्स पर 3-4% तक लागत घटी है, जिससे डेवलपर्स को कीमतें घटाने या अतिरिक्त ऑफर देने का मौका मिल रहा है।
यहां किफायती हाउसिंग की मांग काफी अधिक है। ईंट और टाइल्स पर टैक्स घटने से नए घर और भी सस्ते हुए हैं।
वहीं, इन जीएसटी सुधारों से डबल फायदा होगा। एक तरफ खरीदारों को किफायती दाम पर घर मिलेगा, वहीं, दूसरी तरफ डेवलपर्स को निर्माण लागत घटने से प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान आएगी और अधिक लोग घर खरीदने को प्रेरित होंगे।