स्थानीय दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के लिए मानदंडों में ढील पर विचार, जीएक्स ग्रुप ने किया सावधान |

स्थानीय दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के लिए मानदंडों में ढील पर विचार, जीएक्स ग्रुप ने किया सावधान

स्थानीय दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के लिए मानदंडों में ढील पर विचार, जीएक्स ग्रुप ने किया सावधान

स्थानीय दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के लिए मानदंडों में ढील पर विचार, जीएक्स ग्रुप ने किया सावधान
Modified Date: June 15, 2025 / 04:07 pm IST
Published Date: June 15, 2025 4:07 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) उचित सुरक्षा के बिना घरेलू स्तर पर बने दूरसंचार उपकरणों के लिए मूल्य-वर्धन मानदंडों में ढील देने से गैर-विश्वसनीय स्रोतों से आयात का जोखिम बढ़ सकता है। जीएक्स ग्रुप के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।

ऐसी खबर है कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार उपकरणों के लिए स्थानीय मूल्य-वर्धन मानदंडों की समीक्षा शुरू कर दी है। गौरतलब है कि देश में सीमित कलपुर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के कारण विनिर्माताओं को इलेक्ट्रॉनिक और दूरसंचार उत्पादों में 50-60 प्रतिशत स्थानीय सामग्री हासिल करने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब सरकार ने घरेलू स्तर पर निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में स्थानीय मूल्यवर्धन को बढ़ाने के लिए 23,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना शुरू की है।

जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘स्थानीय सामग्री मानदंडों की समीक्षा पर विचार एक स्वागतयोग्य कदम है, हालांकि, विशिष्ट कलपुर्जों पर सावधानी के साथ छूट देने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि अत्यधिक सावधानी के बिना मूल्य संवर्धन को कम करने से गैर-विश्वसनीय देशों से आयात में वृद्धि का जोखिम बढ़ सकता है। जीएक्स ग्रुप दूरसंचार क्षेत्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत लाभार्थी है।

प्रजापति ने कहा, ‘‘सुरक्षा के प्रति संवेदनशील दूरसंचार उपकरण खंड पहले से ही आयातित उत्पादों से प्रभावित हो रहा है, जिससे दूरसंचार पीएलआई योजना के तहत स्वदेशी उत्पादन की वृद्धि कम हो रही है।”

दूरसंचार विभाग ने तीन जून को उद्योग निकायों – वॉयस, टेमा, आईसीईए, सीओएआई और एमएआईटी के साथ ही मूल उपकरण विनिर्माताओं – तेजस, वीवीडीएन, एचएफसीएल, नोकिया, एरिक्सन, सिस्को और अन्य कंपनियों से सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) की समीक्षा पर टिप्पणियां आमंत्रित की थीं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

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