भारी बरसात से देश के कुछ हिस्सों में धान, दलहन, तिलहन, सब्जियां की फसल प्रभावित: सरकार

भारी बरसात से देश के कुछ हिस्सों में धान, दलहन, तिलहन, सब्जियां की फसल प्रभावित: सरकार

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  • Publish Date - September 18, 2020 / 02:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण धान, दलहन, तिलहन, मसाले, फलों और सब्जियों सहित विभिन्न खड़ी फसलों को प्रभावित किया है। शुक्रवार को यह जानकारी संसद को दी गई।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में कहा, ‘‘देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जैसी घटनाएं हुई हैं, जिससे खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है।’’

तोमर ने राज्यवार स्तर पर, भारी बारिश के कारण प्रभावित फसलों का ब्यौरा भी साझा किया जो राज्य सरकारों द्वारा दी गई सूचना पर आधारित है।

आंध्र प्रदेश में 52,551.99 हेक्टेयर क्षेत्र पर फसल प्रभावित हुई। प्रभावित फसलों में केला, सब्जियाँ, सुपारी, प्याज, पपीता, फूल, रतालू, मिर्च और टमाटर शामिल हैं।

असम में 1,90,176.73 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलें प्रभावित होने की सूचना है। यहां चावल, मक्का, जूट, दालें और सब्जियों की फसल प्रभावित हुई हैं।

बिहार में 9,22,038.82 हेक्टेयर में धान, मक्का, फल और सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई।

कर्नाटक में 3,31,334.97 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित होने की सूचना है। प्रभावित फसलों में धान, कपास, लाल चना, हरा चना, सोयाबीन, काला चना, ज्वार, मूंगफली, मक्का गन्ना, रागी, बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, लोबिया, सीसम, सूरजमुखी और तंबाकू शामिल हैं।

महाराष्ट्र में, 1,70,899 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली, अरहर, कपास, ज्वार, हल्दी, मक्का, गन्ना, सोयाबीन और सब्जियों जैसी फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं ओडिशा सरकार ने बताया है कि 2,21,262 हेक्टेयर क्षेत्र में धान और बागवानी फसलें प्रभावित हुई हैं।

तेलंगाना में 1,43,388.38 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। प्रभावित फसलों में धान, कपास, लालचना, हरा चना, सोयाबीन, कालाचना, ज्वार, मूंगफली, मक्का, गन्ना, केला, अमरूद, सेब, पामतेल, हल्दी, मिर्च, पपीता, सहजन, सब्जियां, फूल और लाल मिर्च शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में 12,615 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन और अन्य फसलों को नुकसान हुआ है।

केरल में, 4,754.09 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिनमें नारियल, इलायची, अदरक, कंद की फसलें, हल्दी, काजू, रबर, काली मिर्च, टैपिओका, बीटलवाइन, सब्जियां, सुपारी, केला, कॉफी, अनानास और धान शामिल हैं।

तमिलनाडु में 787.26 हेक्टेयर प्रभावित क्षेत्र में धान, मक्का, जिंजली, मूंगफली, गन्ना, ज्वार, दलहन / हरे चने और नारियल जैसी फसलें प्रभावित हुई हैं।

पंजाब में, कपास, धान और अन्य फसलों के साथ 24,403 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में 6,864.76 हेक्टेयर में धान, मक्का, बाजरा, दाल, तिलहन, सब्जियां, फल और प्लान्टेंशन फसलों को नुकसान पहुंचा है।

मध्य प्रदेश में सोयाबीन, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग और धान में फसल नुकसान की सूचना है। गुजरात सरकार ने बताया है कि 14 जिलों में फसलें प्रभावित हुई हैं लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र का विवरण नहीं दिया है।

हिमाचल प्रदेश में मक्का, धान, खरीफ दलहनी और सब्जियों की फसलों वाले 35,340.90 हेक्टेयर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।

तोमर ने कहा, ‘‘राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्यक राहत उपाय करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।’’

राहत उपायों को करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के रूप में राज्य सरकार के पास धन उपलब्ध है।

मंत्री ने कहा, ‘‘प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान से किसानों को बचाने के लिए, भारत सरकार ने अप्रैल 2016 से प्रधान मंत्री बीमा योजना (पीएमएफबीआई) शुरू की थी।’’

भाषा राजेश राजेश महाबीर

महाबीर