मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक की शोध रिपोर्ट इकोरैप के एक अनुमान के मुताबिक 2021-22 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में घरेलू ऋण घटकर 34 प्रतिशत रह सकता है।
कोविड-19 महामारी के चलते घरेलू ऋण – जीडीपी दर अनुपात बढ़ गया है। बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार यह 2020-21 में तेजी से बढ़कर 37.3 प्रतिशत हो गया, जो 2019-20 में 32.5 प्रतिशत था।
शोध रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घरेलू ऋण पहली तिमाही में घटकर 34 प्रतिशत रह गया है, हालांकि निरपेक्ष रूप से यह बढ़ा है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक निरपेक्ष रूप से वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में घरेलू ऋण बढ़कर 75 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2020-21 की पहली तिमाही में 73.59 लाख करोड़ रुपये था।
हाल में 2018 के लिए जारी भारत ऋण और निवेश सर्वेक्षण (एआईडीआईएस) रिपोर्ट में कहा गया कि 2012 से 2018 के बीच ग्रामीण और शहरी परिवारों का कर्ज बढ़ा।
भाषा पाण्डेय अजय
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