मुंबई, 21 अगस्त (भाषा) निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री चालू वित्त वर्ष में पूरी हो जाएगी। पात्र बोलीदाताओं ने अपनी जांच-पड़ताल प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है।
चावला ने उद्योग मंडल फिक्की के वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 47,000 करोड़ रुपये के परिसंपत्ति मौद्रीकरण यानी संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने के लक्ष्य के मुकाबले पहली तिमाही में ही 20,000 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘योग्य इच्छुक पक्षों ने अपनी जांच-पड़ताल की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। उनके सभी सवालों का जवाब मिल गया है।’’
चावला ने कहा कि उन्हें जो भी आंकड़े या विवरण चाहिए था, वे उन्हें उपलब्ध करा दिए गए हैं और जो भी तकनीकी दस्तावेज हैं, वे तैयार कर लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए उम्मीद है कि यह काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा और इस साल के अंत तक, हमें उम्मीद है कि हम मुख्य काम कर पाएंगे।’’
सरकार और एलआईसी की संयुक्त रूप से आईडीबीआई बैंक में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें से 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी मौजूदा विनिवेश कार्यक्रम के तहत बेचा जाएगा।
दीपम सचिव ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में आगे की हिस्सेदारी बिक्री पर कहा, ‘‘एलआईसी का बाजार मूल्य लगभग छह लाख करोड़ रुपये है। इसलिए, बाजार की नकदी को ध्यान में रखते हुए, लेनदेन उसी के अनुसार तैयार किए जाते हैं…।’’
चावला ने कहा, ‘‘मर्चेंट बैंकर इस पर काम कर रहे हैं। और हम उन्हें अपना काम करने देंगे, और सही समय पर उपयुक्त घोषणा करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘47,000 करोड़ रुपये के परिसंपत्ति मौद्रीकरण लक्ष्य के मुकाबले, हमने पहली तिमाही में 20,000 करोड़ रुपये हासिल कर लिए हैं।’’
चावला ने यह भी कहा कि पिछले साल दीपम ने रिकॉर्ड स्तर पर लाभांश दर्ज किया था। ‘‘हमें उम्मीद है कि इस साल यह बरकरार रहेगा और इससे भी बेहतर होगा।’’
भाषा रमण अजय
अजय