नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से शहरी परिवहन में बड़ा बदलाव हो सकता है और इनसे आर्थिक अवसरों में वृद्धि होगी। रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।
शुक्रवार को ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम: टेस्टिंग द कम्यूटर्स पल्स’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आरआरटीएस तेज, अधिक दक्ष और बेहतर एकीकृत क्षेत्रीय परिवहन की दिशा में भारत के प्रयासों में एक बड़ा कदम है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरआरटीएस यात्रा समय को कम कर सकता है और श्रम बाजार का विस्तार कर सकता है। यह आसपास के शहरों को राष्ट्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से अधिक निकटता से जोड़ने में भी मदद करेगा।
प्रमुख आरआरटीएस परियोजना, दिल्ली – गाजियाबाद – मेरठ गलियारा का विकास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा किया जा रहा है। इसका चरणबद्ध संचालन शुरू हो चुका है। इस गलियारे की लागत 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है और यह 82 किलोमीटर लंबा होगा। इससे दिल्ली से मेरठ के बीच की यात्रा का समय घटकर एक घंटे से भी कम हो जाएगा।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि आरआरटीएस केवल एक परिवहन समाधान नहीं है, बल्कि विकेंद्रीकृत आर्थिक वृद्धि के लिए एक उत्प्रेरक है।
उन्होंने कहा कि इसकी दीर्घकालिक सफलता समन्वित योजना पर निर्भर करेगी, जिसमें परिवहन नेटवर्क, भूमि उपयोग रणनीति और निवेश प्राथमिकताओं को एक साथ लाया जाए, ताकि टिकाऊ शहरीकरण को समर्थन मिल सके।
भाषा पाण्डेय रमण
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