अब हर महीने की 28 तारीख को जारी होगा आईआईपी आंकड़ा, समयसीमा घटाकर 28 दिन की गयी |

अब हर महीने की 28 तारीख को जारी होगा आईआईपी आंकड़ा, समयसीमा घटाकर 28 दिन की गयी

अब हर महीने की 28 तारीख को जारी होगा आईआईपी आंकड़ा, समयसीमा घटाकर 28 दिन की गयी

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Modified Date: April 17, 2025 / 06:31 PM IST
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Published Date: April 17, 2025 6:31 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय अब हर महीने की 28 तारीख को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का आंकड़ा जारी करेगा। इसके साथ, इस आंकड़े को जारी करने की समयसीमा 42 दिन से घटाकर 28 दिन कर दी गयी है।

फिलहाल मंत्रालय हर महीने की 12 तारीख को छह सप्ताह के भीतर आईआईपी आंकड़े जारी करता है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय अपने सांख्यिकीय उत्पादों के प्रसार में वैश्विक स्तर की बेहतर गतिविधियों और समयसीमा के साथ महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।

बयान के अनुसार, मंत्रालय संदर्भ माह की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी करता है, जो वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों में से एक है।

इसी तरह, एनएसएस की सर्वेक्षण रिपोर्ट अब फील्डवर्क पूरा होने के 90 दिन के भीतर जारी की जाती है।

बयान में कहा गया, ‘‘अप्रैल, 2025 से अखिल भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) संदर्भ माह से 28 दिन के भीतर हर महीने की 28 तारीख को शाम चार बजे जारी किया जाएगा। किसी विशेष महीने के लिए आईआईपी त्वरित अनुमान के रूप में जारी किया जाएगा, उसके बाद अंतिम अनुमान जारी किया जाएगा।’’

आईआईपी देश में औद्योगिक वृद्धि के बारे में जानकारी देने वाला महत्वपूर्ण आंकड़ा है।

मंत्रालय अब 42 दिनों के बजाय 28 दिनों के भीतर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी करने की योजना बना रहा है।

मंत्रालय वर्तमान में संदर्भ माह से 42 दिनों के भीतर प्रत्येक माह की 12 तारीख (यदि 12 तारीख अवकाश हो तो पिछला कार्य दिवस) को मासिक अखिल भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी करता है।

भारत में आईआईपी का संकलन और उसे जारी करना का काम आधार वर्ष 1937 से शुरू हुआ। इसे क्रमिक रूप से संशोधित कर 1946, 1951, 1956, 1960, 1970, 1980-81, 1993-94, 2004-05 और 2011-12 कर दिया गया।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआरआईआईपी)-2010 के लिए संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय सिफारिशों में यह प्रावधान है कि मासिक आईआईपी को संदर्भ माह की समाप्ति के 45 दिन के भीतर जारी किया जाना चाहिए।

इसी प्रकार, आईएमएफ के विशेष आंकड़ा प्रसार मानकों (एसडीडीएस) के अनुसार किसी भी संदर्भ माह के लिए सूचकांक उस माह के अंत से छह सप्ताह के भीतर जारी किया जाना चाहिए।

इस प्रकार, आंकड़े जारी किये जाने में इन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, मंत्रालय संदर्भ माह की समाप्ति के बाद 42 दिन के भीतर आईआईपी सूचकांक जारी करता रहा है।

हाल के दिनों में, आंकड़ा संग्रह और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में प्रगति को देखते हुए, विभिन्न पक्ष आईआईपी जारी करने की समयसीमा को कम करने की मांग कर रहे थे।

इस आवश्यकता को समझते हुए, मंत्रालय ने जून, 2024 में एक समिति का गठन किया। समिति को गुणवत्ता से समझौता किए बिना आईआईपी जारी करने की समयसीमा, इसके संशोधन कार्यक्रम को कम करने की व्यावहारिकता की जांच करने की जिम्मेदारी दी गयी।

एजेंसियों के साथ उचित परामर्श के बाद और संबंधित पक्षों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, आईआईपी जारी करने की समयसीमा को संदर्भ माह से 42 दिन से घटाकर 28 दिन करने और आईआईपी के दूसरे संशोधन की आवश्यकता को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

इसके अनुसार, अब से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय प्रत्येक माह की 28 तारीख को शाम चार बजे बजे (यदि 28 तारीख को अवकाश है तो अगले कार्य दिवस पर) मासिक अखिल भारतीय औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जारी करेगा।

संशोधित संशोधन नीति के अनुसार, किसी विशिष्ट माह के लिए त्वरित अनुमान में केवल एक बार संशोधन किया जाएगा, जो कि अंतिम अनुमान के रूप में अगले माह में होगा।

इस प्रकार, मंत्रालय अब किसी विशेष माह के केवल दो अनुमान (त्वरित अनुमान और अंतिम अनुमान) जारी करेगा, जबकि पहले तीन अनुमान (त्वरित अनुमान के बाद पहला संशोधित अनुमान और दूसरा संशोधित (अंतिम) अनुमान) जारी किए जाते थे।

इसके अनुसार, मंत्रालय अगला आईआईपी अनुमान 28 अप्रैल, 2025 को शाम चार बजे जारी करेगा। इसमें मार्च, 2025 के लिए त्वरित अनुमान और दिसंबर, 2024, जनवरी, 2025 और फरवरी, 2025 के लिए अंतिम अनुमान शामिल होंगे।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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