बड़ी राशि के प्रलोभन से नाबालिग और कमजोर समूह को लक्ष्य बनाती हैं अवैध साइट : रिपोर्ट

बड़ी राशि के प्रलोभन से नाबालिग और कमजोर समूह को लक्ष्य बनाती हैं अवैध साइट : रिपोर्ट

Modified Date: June 1, 2025 / 01:27 PM IST
Published Date: June 1, 2025 1:27 pm IST

नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच पर आने वाले आक्रामक वित्तीय प्रोत्साहन और रैपिड-फायर (तत्काल सवाल-जवाब आधारित) सट्टेबाजी उत्पाद, नाबालिगों और कमजोर उपयोगकर्ताओं को अभूतपूर्व रफ्तार से उच्च जोखिम वाले जुए में खींच रहे हैं। इससे ये लोग इन सट्टेबाजी के आदी बन रहे हैं।

एक रिपोर्ट से पता चलता है कि ये मंच, वैध संचालकों द्वारा लगाए जाने वाले 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से मुक्त हैं, जो उपयोगकर्ताओं को अधिक आकर्षक भुगतान और विनियमित साइट पर प्रतिबंधित तत्काल हार-जीत वाले गेम के साथ लुभाते हैं।

रिपोर्ट का अनुमान है कि इन अवैध मंचों में वार्षिक जमा राशि 100 अरब डॉलर के करीब है।

सीयूटीएस इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट ‘फिक्सिंग द ऑड्स: ए पॉलिसी ब्लूप्रिंट फॉर कर्बिंग इलिगल ऑनलाइन गैंबलिंग इन इंडिया’ से पता चला है कि अवैध जुआ संचालक युवा वयस्कों, उच्च खर्च करने वालों और विशेष रूप से जुए के नुकसान के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों को लक्षित करने के लिए नियामकीय खामियों का फायदा उठा रहे हैं।

सीयूटीएस इंटरनेशनल के विश्लेषण के अनुसार, केवल एक वर्ष में शीर्ष 15 अवैध जुआ मंच और उनकी ‘मिरर’ (वैसी ही दिखने वाली) साइट पर 5.4 अरब से अधिक लॉग-इन हुए, जो समस्या के पैमाने को रेखांकित करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, “मार्च, 2025 के लिए परीमैच की ट्रैफिक हिस्सेदारी अमेजन.इन, विकीपीडिया.ओआरजी, गूगल.को.इन, एक्स.कॉम, हॉटस्टार.कॉम, फ्लिपकार्ट.कॉम, लिंक्डइन.कॉम, कोरा.कॉम और रेडिट.कॉम जैसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले मंच से भी आगे निकल गई।”

रिपोर्ट कहती है, “अप्रैल, 2024 और मार्च, 2025 के बीच कुल ट्रैफ़िक का 66 प्रतिशत से अधिक (3.5 अरब से अधिक विज़िट) प्रत्यक्ष ट्रैफ़िक के माध्यम से है। इसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता मैन्युअल रूप से यूआरएल दर्ज कर रहे हैं, बुकमार्क का उपयोग कर रहे हैं, या निजी चैनल से लिंक कॉपी कर रहे हैं।”

वित्त मंत्रालय ने 22 मार्च, 2025 को विदेशी ऑनलाइन इकाइयों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की घोषणा की थी, जिसमें लगभग 700 की जांच की जा रही है। अबतक, 357 अवैध या गैर-अनुपालन वाली वेबसाइट/यूआरएल को ब्लॉक किया गया है और अन्य मजबूत पहल के अलावा लगभग 2,000 बैंक खातों पर भी रोक लगाई गई है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

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