सिमा कपास के विभिन्न बीजों को विकसित करने की तैयारी में

सिमा कपास के विभिन्न बीजों को विकसित करने की तैयारी में

सिमा कपास के विभिन्न बीजों को विकसित करने की तैयारी में
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: December 16, 2020 4:13 pm IST

कोयंबटूर, 16 दिसंबर (भाषा) दक्षिणी भारत मिल्स एसोसिएशन (सिमा) का कपास विकास और अनुसंधान संघ (सीडी एंड आरए) कपास बीजों के विभिन्न किस्मों को विकसित करने के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

इन बीजों को विकसित करने का उद्देश्य बीटी कपास, खर-पतवारनाशी (हर्बिसाइड), पानी की कमी (सूखा-सहिष्णु), उच्च घनत्व, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण जैसी चुनौतियों को कम करना है।

सिमा सीडी एंड आरए के नव निर्वाचित अध्यक्ष रविचन्द्रन ने यहां कहा कि भारतीय कपास उद्योग, सिमा-सीडी और आरए, और भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में एक्स्ट्रा लांग स्टेपल (ईएलएस) कपास का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

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उन्होंने कहा कि सिमा सीडी एंड आरए ने आगामी सत्र में ठेका खेती के तहत शुद्ध जैविक कपास को गुणात्मक रूप से बढ़ाने के लिए किसानों और क्षेत्रों की पहचान की है तथा कुछ प्रमुख मिलों ने पहले ही इस प्रायोगिक परियोजना में उद्यम के लिए आगे आए हैं।

वह बुधवार को आयोजित एसोसिएशन की 45 वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे।

यह कहते हुए कि एसोसिएशन ने भूरे और हरे रंग के कपास के बीज विकसित किए हैं जो वाणिज्यिक स्तर पर गुणात्मक रूप से बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास जैविक होगा और कपड़ा प्रसंस्करण के लिए एक बेहतरीन समाधान होगा।

रविचन्द्रन ने कहा कि स्वाभाविक रूप से रंगीन कपास, त्वचा के कहीं अधिक अनुकूल होगी और इसमें टिकाऊ भौतिक और रासायनिक गुणों का समावेश होगा, इस प्रकार इसके लिए बाजार में अच्छे अवसर होंगे।

रविचंद्रन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पांच वर्षों में कपास की ऊपज 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 750 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने के लिए कपास 2.0 प्रौद्योगिकी मिशन को शुरु करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न तकनीकों को अपनाने की अपील की है।

बैठक में सर्वसम्मति से जी वेंकटरामचंद्रन और एस के सुंदररमन को एसोसिएशन का क्रमश: डिप्टी चेयामैन और वाइस प्रेसिडेंट चुना गया।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर


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