जलवायु परिवर्तन से निपटने भारत को 400 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत : रिपोर्ट

जलवायु परिवर्तन से निपटने भारत को 400 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत : रिपोर्ट

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  • Publish Date - April 22, 2021 / 04:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) भारत को पेरिस जलवायु करार के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए 401 अरब डॉलर के पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी। इससे भारत 2015 से 2030 के दौरान 100 गीगावॉट ऊर्जा की बचत कर सकेगा और 1.1 अरब टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी ला सकेगा। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

जलवायु परिवर्तन पर भारत 2015 के पेरिस करार के ज्यादातर लक्ष्यों को पार कर जाएगा। ऐसे में विश्लेषक यह देखना चाहते हैं कि भारत अपने प्रदूषण कटौती के लक्ष्य को बढ़ाता है या बृहस्पतिवार को शुरू हुई दो दिन की जलवायु शिखर बैठक में शुद्ध कॉर्बन तटस्थता का संकेत देता है।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के नोट में कहा गया है कि सरकार ईंधन में 25 प्रतिशत तक एथेनॉल के मिश्रण और हरित हाइड्रोजन पर जोर दे रही है, जो उत्साहजनक है। बृहस्पतिवार को ‘अर्थ डे’ है और यह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आगे बढ़ाई गई दो दिन की जलवायु शिखर बैठक का पहला दिन भी है।

बोफा के नोट में कहा गया है कि 2015-30 के दौरान भारत को 401 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी। इससे वह 106 गीगावॉट ऊर्जा की बचत कर सकेगा और कॉर्बन उत्सर्जन में 1.1 अरब टन की कटौती कर सकेगा। इससे 1,400 अरब डॉलर बाजार पूंजीकरण वाले 99 शेयर प्रभावित होंगे।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर