अगले वित्त वर्ष में भारत को 10.5-11 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत : कुमार

अगले वित्त वर्ष में भारत को 10.5-11 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत : कुमार

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  • Publish Date - March 19, 2021 / 12:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) भारत को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए अगले वित्त वर्ष 2021-22 में 10.5 से 11 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि दर हासिल करनी होगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को यह बात कही।

कुमार ने कहा कि भारत को अगली महामारी के लिए तैयार रहना चाहित, क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान हम तैयार नहीं थे।

राष्ट्रीय सीएसआर नेटवर्क द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘हमें 2021-22 में 10.5 से 11 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करनी होगी और इसे मजबूत बनाना होगा, तभी हम कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबर सकते हैं।’’

भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में आठ प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब सुधार की राह पर है। ‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सभी को साथ लेकर चलें।’’

कुमार ने कहा कि इससे पहले 1918 में भारत को स्पैनिश फ्लू महामारी से काफी नुकसान हुआ था। उस समय हमें अपनी 5 से 7 प्रतिशत आबादी को गंवाना पड़ा था।

कुमार ने कहा, ‘‘हमें अगली महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहना होगा। कोविड-19 संकट के दौरान हम तैयार नहीं थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह नहीं पता था कि हमारे लोग कितने प्रभावित होंगे।’’

उन्होंने कहा कि पहले की तरह कारोबार नहीं होगा। देश की असंगठित अर्थव्यवस्था का आकार घटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंपनियां और सरकार इस महामारी का मुकाबला मिलकर कर रही हैं।’’

कुमार ने कहा, ‘‘विकास के एजेंडा को सरकार अकेले नहीं बढ़ा सकती। राजनीतिक नेताओं और कॉरपोरेट नेतृत्व को मिलकर काम करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सहित भारत के राजनीतिक नेताओं को कॉरपोरेट नेतृत्व के साथ काम करने को लेकर कोई आशंका नहीं थी। ‘‘अब फिर यह करने का समय है।’’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर