भारत ने यूरोपीय देशों को चावल निर्यात के लिये प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता को जुलाई तक टाला

भारत ने यूरोपीय देशों को चावल निर्यात के लिये प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता को जुलाई तक टाला

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  • Publish Date - December 29, 2020 / 04:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) भारत ने मंगलवार को बासमती और गैर-बासमती चावल, यूरोपीय देशों को निर्यात करने के लिए एक सरकारी एजेंसी से निरीक्षण प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता को एक जुलाई, 2021 तक के लिए टाल दिया है।

पहले यह तारीख अगले साल एक जनवरी थी।

निदेशालय ने कहा कि 10 अगस्त की एक अधिसूचना ‘‘इस हद तक संशोधित की गई है कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और अन्य यूरोपीय देशों – आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड को चावल (बासमती और गैर-बासमती) का निर्यात करने के लिए ही केवल ईआईए / ईआईसी से निरीक्षण के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।’’

निदेशालय ने कहा कि शेष यूरोपीय देशों (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड को छोड़कर) को निर्यात के लिए, एक जुलाई 2021 से निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) या निर्यात निरीक्षण एजेंसी (ईआईए) से निरीक्षण प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता होगी।

भारत, दुनिया का शीर्ष चावल निर्यातक देश है और यह यूरोपीय संघ को लगभग तीन लाख टन बासमती चावल का निर्यात करता है।

निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) भारत का आधिकारिक निर्यात प्रमाणन निकाय है, जो भारत से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

इस परिषद के तहत आने वाली निर्यात निरीक्षण एजेंसियां ​​(ईआईए) मुंबई, कोलकाता, कोच्चि, दिल्ली और चेन्नई में स्थित हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय सुमन

सुमन