भारतीय उद्योग वृद्धि करना चाहते हैं, लेकिन किसानों की कीमत पर नहीं: ईरानी

भारतीय उद्योग वृद्धि करना चाहते हैं, लेकिन किसानों की कीमत पर नहीं: ईरानी

भारतीय उद्योग वृद्धि करना चाहते हैं, लेकिन किसानों की कीमत पर नहीं: ईरानी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: December 1, 2020 11:33 am IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) सरकार द्वारा किया गया कृषि सुधार वैश्विक स्तर पर यह संकेत देता है कि भारतीय उद्योग देश के किसान समुदाय के हितों से समझौता किये बिना वृद्धि करना चाहता है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को यह टिप्पणी की।

ईरानी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के द्वारा आयोजित एक आभासी सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किया गया कृषि सुधार दुनिया और विशेष रूप से भारतीय समुदाय, उद्योग तथा किसानों को बताता है कि उद्योग विकसित होना चाहता है लेकिन हमारे किसान समुदायों की कीमत पर नहीं।’’

हालांकि, कपड़ा और महिला एवं बाल विकास मंत्री ने किसी विशेष कृषि सुधार का जिक्र नहीं किया।

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नये कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसानों लगातार छठे दिन मंगलवार को दिल्ली सीमा के विभिन्न स्थानों पर डटे हुए हैं और उनका विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों का आरोप है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली (एमएसपी) समाप्त हो जायेगी और खेती कॉरपोरेट के हाथों में चली जायेगी।

इसके अलावा, ईरानी ने कहा कि मौजूदा सत्र में भारतीय कपास निगम द्वारा की गयी 7,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कपास खरीद से पांच लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि 7,500 करोड़ रुपये में से 6,314 करोड़ रुपये पहले ही इन किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित हो चुके हैं। ईरानी ने जूट क्षेत्र में विविधीकरण, ऊन क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने की संभावनाओं और रेशम क्षेत्र में प्रसंस्करण चुनौतियों पर काबू पाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

भाषा सुमन अजय

अजय


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