भारतीय दल व्यापार वार्ता के लिए इस महीने अमेरिका का दौरा करेगा

भारतीय दल व्यापार वार्ता के लिए इस महीने अमेरिका का दौरा करेगा

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  • Publish Date - May 8, 2025 / 08:58 PM IST,
    Updated On - May 8, 2025 / 08:58 PM IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) भारत के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर चर्चा करने के लिए इस महीने एक बार फिर वाशिंगटन का दौरा करेगा। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

बीटीए पर भारत के मुख्य वार्ताकार एवं वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और दक्षिण एवं पश्चिम एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने पिछले महीने वाशिंगटन में वार्ता को गति देने के लिए तीन दिवसीय बैठक की थी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, “भारतीय दल इस महीने फिर से वार्ता के लिए अमेरिका जा रहा है।”

भारतीय दल की दूसरी यात्रा इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के प्रथम चरण को अंतिम रूप देने से पहले ‘शीघ्र पारस्परिक लाभ’ सुनिश्चित करने के लिए वस्तुओं में अंतरिम व्यापार व्यवस्था के अवसर तलाश रहे हैं।

भारत और अमेरिका पहले ही उद्योग क्षेत्र के हिसाब से बातचीत शुरू कर चुके हैं।

वाशिंगटन में पिछले महीने हुई बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने शुल्क (माल से संबंधित) और गैर-शुल्क मामलों पर विचार-विमर्श किया था।

अमेरिका ने भारत पर लगाए अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क को नौ जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। दोनों देश व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं।

अमेरिका ने दो अप्रैल को अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने नौ अप्रैल को भारत में इन शुल्क को इस साल नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि, देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क लागू रहेगा।

भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।

दूसरी ओर, अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), शराब, पेट्रोरसायन उत्पाद, डेयरी, सेब जैसे कृषि उत्पाद क्षेत्रों में शुल्क रियायत चाहता है।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम