मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को बताया कि व्यापार घाटे में कमी, सेवा निर्यात में वृद्धि और प्रवासी भारतीयों द्वारा धन प्रेषण के कारण सितंबर तिमाही में भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) कम होकर 12.3 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत रह गया।
देश की बाहरी स्थिति का महत्वपूर्ण संकेतक चालू खाते का घाटा (सीएडी) पिछले साल की इसी तिमाही में 20.8 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था।
इससे पहले जून तिमाही में यह सिर्फ 2.4 अरब डॉलर या जीडीपी का 0.2 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में चालू खाते का घाटा कम होकर 15 अरब डॉलर या जीडीपी का 0.8 प्रतिशत रह गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 25.3 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत था।
जुलाई-सितंबर तिमाही में माल व्यापार घाटा सालाना आधार पर कम होकर 87.4 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 88.5 अरब डॉलर था।
भुगतान संतुलन के आंकड़ों के अनुसार सेवा क्षेत्र से शुद्ध प्राप्तियां पिछले साल के 44.5 अरब डॉलर से बढ़कर 50.9 अरब डॉलर हो गईं। विशेष रूप से कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात में वृद्धि हुई है।
आरबीआई ने बताया कि द्वितीयक आय खाते के तहत व्यक्तिगत हस्तांतरण सालाना आधार पर 34.4 अरब डॉलर से बढ़कर इस तिमाही में 38.2 अरब डॉलर हो गईं। इन प्राप्तियों में मुख्य रूप से विदेश में काम करने वाले भारतीयों द्वारा धन प्रेषण शामिल है।
भाषा पाण्डेय अजय
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