नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) इंडसइंड बैंक ने मंगलवार को कहा कि वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में लेखा चूक से बैंक की कुल संपत्ति पर 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बैंक ने वायदा-विकल्प सौदों से संबंधित विसंगतियों के कारण दिसंबर, 2024 तक अपनी कुल संपत्ति पर 2.27 प्रतिशत के प्रतिकूल प्रभाव (कर पश्चात आधार पर) का आकलन किया है।
निजी क्षेत्र के इस बैंक ने पिछले महीने कहा था कि वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में लेखा संबंधी चूक से दिसंबर, 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है।
इसके बाद बैंक ने अपने बही-खातों पर हुए प्रभाव और विभिन्न स्तर पर खामियों का पता लगाने तथा सुधारात्मक कार्रवाई का सुझाव देने के लिए बाहरी एजेंसी पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया।
इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में 30 जून, 2024 तक उपरोक्त चूक के नकारात्मक प्रभाव को 1,979 करोड़ रुपये आंका है।
बैंक ने कहा कि उसके 2024-25 के वित्तीय विवरणों में इसके प्रभाव को उचित रूप से दर्शाया जाएगा और वायदा-विकल्प लेखांकन परिचालन से संबंधित आंतरिक नियंत्रण को बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, इंडसइंड बैंक के बोर्ड ने लेखा खामियों के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए ग्रांट थॉर्नटन को भी नियुक्त किया है। ग्रांट थॉर्नटन विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने और प्रचलित लेखा मानकों के संबंध में वायदा-विकल्प अनुबंधों की व्यापक जांच करेगा। इसके अलावा फर्म किसी भी चूक की पहचान करेगी और लेखांकन में विसंगतियों के लिए जवाबदेही तय करेगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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