उत्तराखंड में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना की शुरूआत

उत्तराखंड में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना की शुरूआत

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  • Publish Date - October 21, 2020 / 03:53 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

देहरादून, 21 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना की शुरूआत की।

जिले के डोइवाला क्षेत्र के माजरी ग्रांट गांव में योजना शुरू करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि एकीकृत आदर्श ग्राम योजना एक ऐसी अवधारणा है जो मील का पत्थर साबित होगी।

किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए रावत ने कहा कि किसानों के जागरूक होने से कृषि उत्पादन में सुधार के साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।

इस योजना के लिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई के साथ ही मशीनीकरण और वैज्ञानिक तरीकों पर गौर करने की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि उत्पादन बढाया जा सके ।

उन्होंने जैविक खेती को उत्तराखण्ड की विशेषता बताते हुए इसे बढावा दिये जाने की जरूरत जताई और कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैल्यू एडीशन एवं ब्रांड की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए कई उत्पादों को एक ही ब्राण्ड नाम के तहत पहचान देने की शीघ्र शुरुआत की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्यधार झील निर्माण के बाद 29 गावों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए गुरूत्व आधारित पानी मिल सकेगा। इसके साथ ही सिंचाई एवं पेयजल की व्यवस्था के लिए जमरानी एवं सौंग बाँध की बाधाओं का शीघ्र ही निस्तारण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पहले दो लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा था जिसे अब बढ़ाकर तीन लाख रूपये किया जा रहा है।

कृषि मंत्री उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार ने पेड़ पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नर्सरी एक्ट बनाया है, ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता के पेड़ पौधे मिल सकें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जहां ऑर्गेनिक के पीछे पड़ी है, हमारा राज्य उत्तराखण्ड अपने आप में ही ऑर्गेनिक है।

भाषा दीप्ति

महाबीर

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