Railway privatisation in india: क्या रेलवे के निजीकरण की फिराक में है मोदी सरकार?.. संसद में रेलमंत्री ने कर दिया स्पष्ट, आप भी पढ़ लें निजीकरण से जुड़ा ये जवाब
Railway privatisation in india इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य रेलवे की कार्यक्षमता और प्रबंधन को सुधारना है, जिससे कर्मचारियों पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।
Indian Railway | Image Credit- iPleaders
Railway privatisation in india : नई दिल्ली: क्या भारतीय रेलवे का निजीकरण होगा? यह सवाल लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ था। लोकसभा में बुधवार को Railway (Amendment) Bill 2024 को पारित कर दिया गया। इस नए बिल के तहत रेलवे बोर्ड की कार्यप्रणाली और स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए वर्तमान रेलवे कानूनों में कुछ बदलाव किए जाएंगे। इस विधेयक को संसद के निचले सदन में लंबी बहस के बाद ध्वनि मत से मंजूरी दी गई। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बिल से रेलवे के निजीकरण का कोई संकेत नहीं है।
लोकसभा में बहस के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष द्वारा लगाए गए उन आरोपों को खारिज किया, जिनमें इस संशोधन को रेलवे के निजीकरण से जोड़ा जा रहा था। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर ‘झूठी कहानी’ गढ़ रहे हैं। यह संशोधन सिर्फ भारतीय रेलवे की कार्यक्षमता को सुधारने के लिए है।
Railway privatisation in india : अपने भाषण में मंत्री ने कहा, “विपक्ष का संविधान से जुड़ा झूठ पहले ही असफल हो चुका है, और अब इस नई झूठी कहानी से कुछ हासिल नहीं होगा।” उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह जनता को भ्रमित न करें और रेलवे के क्षेत्र के उद्देश्यों को सुधारने के लिए एकजुट रहें।
FAQ Section
- क्या रेलवे निजी हाथों में दिया जाएगा?
नहीं, Railway (Amendment) Bill 2024 के तहत रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह संशोधन भारतीय रेलवे की कार्यक्षमता को सुधारने और रेलवे बोर्ड की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए है, न कि निजीकरण के लिए। - रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का उद्देश्य रेलवे की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और स्वतंत्र बनाना है, ताकि रेलवे के संचालन में सुधार हो सके और इसका प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके। - क्या इस विधेयक से रेलवे में कोई बड़े बदलाव होंगे?
हां, विधेयक के तहत रेलवे बोर्ड के कार्य और अधिकारों में कुछ सुधार किए जाएंगे, जिससे रेलवे के कार्यों में और सुधार की संभावना बनी रहेगी। - क्या यह विधेयक रेलवे के कर्मचारियों पर कोई असर डालेगा?
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य रेलवे की कार्यक्षमता और प्रबंधन को सुधारना है, जिससे कर्मचारियों पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। - क्या रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कोई कदम उठाया गया है?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह स्पष्ट किया है कि इस संशोधन से रेलवे के निजीकरण का कोई संबंध नहीं है।

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