नयी दिल्ली, 1 जनवरी (भाषा) गेहूं की बुवाई का जारी आखिरी चरण अगले 10 दिन तक और जारी रहेगा और रबी सत्र 2023-24 में इसके रकबे में जो कमी है उसे पूरा कर देगा। कृषि आयुक्त पी के सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी (सर्दियों) सत्र के आखिरी सप्ताह तक गेहूं की बुवाई 320.54 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 324.58 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी।
गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी बुवाई सामान्यतः अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च से अप्रैल तक होती है।
सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जब आप पिछले पांच साल के औसत गेहूं बुवाई के रकबे यानी 307.32 लाख हेक्टेयर से तुलना करते हैं, तो इस साल अबतक गेहूं का रकबा अधिक है। हालांकि, अगले दस दिनों तक बुवाई जारी रहेगी और इस कमी को पूरा कर लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर गेहूं की बुवाई चल रही है जहां अभी आलू की कटाई हो चुकी है।
कृषि आयुक्त ने यह भी कहा कि इस रबी सत्र में कुल बोए गए रकबे के 60 प्रतिशत से अधिक रकबे में जलवायु-अनुकूल बीज बोए गए हैं।
मौसम विभाग (आईएमडी) के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, तापमान गेहूं की फसल की सामान्य वृद्धि के लिए अनुकूल रहेगा। उन्होंने कहा कि गेहूं की नई किस्मों को अपनाने से उत्पादकता अधिक रहने की उम्मीद है।
वर्तमान में गेहूं की फसल अंकुरण एवं कल्ले फूटने की अवस्था में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ठंडे तापमान में फसल की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं।
सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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