मुरैना। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश भर में आजतक लॉक डाउन को 21 दिन से ज्यादा हो गया है। लेकिन इन लॉक डाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। उद्योग, कारखाने, व्यापारी और किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। इस दौरान हम गांव में एक किसान के पास पहुंचे। यह किसान 20 बीघा से अधिक अपनी खेती में सब्जियां उगाता है। शहर के साथ साथ अलग-अलग राज्यों के लिए भेजता है। लेकिन हालात यह हैं कि इस लॉक डाउन के चलते इस किसान की पूरी सब्जियां सड़ चुकी है। यह किसान पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर आ चुका है।
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दरअसल लॉक डाउन को 21 दिन से अधिक हो गये हैं और इन दिनों में किसान मलखान सिंह ने अपने खेत में टमाटर, मिर्ची, बैंगन और ककड़ी की फसल उगाई थी। यह किसान अपनी सब्जियों को शहर के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के लिए भेजता है लेकिन इस लॉक डाउन के चलते खेत में हरी हरी सब्जियां पूरी तरह से सड़ चुकी है। सब्जियों के पेड़ पूरी तरह से सूख चुके हैं।
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किसान मलखान सिंह का कहना है कि इस लॉक डाउन के चलते हमें लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। हमारी सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। अगर यही हालात रहे तो हम आम लोगों को अब की बार हरी सब्जियां नहीं खिला पाएंगे। लेकिन यह किसान पूरी तरह बर्बाद होने के बावजूद भी वह कोरोना महामारी की जंग में सब के साथ खड़ा हुआ है। किसान मलखान सिंह का कहना है कि अगर सरकार आगे इस लॉक डाउन को आगे बढ़ाती है तो हम इसका पूरी तरह से समर्थन करेंगे।
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पूरे देश भर में लोगों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। महामारी तेजी से फैल रही है। और इन सबके बचाने के लिए लॉक डाउन का होना बहुत आवश्यक है। उसका कहना है, जान है तो जहान है। अगर हमारी जान बचेगी तो हम आगे फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकते हैं लेकिन लोगों की जान चली गई तो वह वापस नहीं आएगी।
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वहीं कलेक्टर का कहना है कि 20 अप्रैल के बाद इन किसानों के लिये कुछ इंतजाम किए जायेंगे लेकिन इस आपदा से पीड़ित किसानों के लिये सरकार और प्रशासन कुछ सहायता राशि देगी या नहीं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, दूसरे कलेक्टर के आश्वासन के बाद किसानों को राहत मिलती है या नहीं लेकिन किसान भी किसी भी तरह से हार नहीं मान रहे हैं ओर कह रहे हैं कि इस कोरोना जैसी महामारी से जीत हासिल करेंगे।