लोकसभा ने राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्त-पोषण बैंक विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी

लोकसभा ने राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्त-पोषण बैंक विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी

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  • Publish Date - March 23, 2021 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) लोकसभा ने मंगलवार को ‘अवसंरचना एवं विकास के वित्त-पोषण के लिए राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्त-पोषण बैंक विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत देश में विकास वित्त संस्थान के गठन का प्रस्ताव किया गया है जिससे बुनियादी ढांचा विकास की परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान की कमी दूर की जा सके।

विधेयक पर निचले सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘ हम विकास और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर डीएफआई का गठन कर रहे हैं। इसके साथ हमारे पास एक संस्थान और संस्थागत व्यवस्था होगी, जिससे दीर्घावधि के लिए पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के लिए शुरूआत में 20,000 करोड़ रुपये पूंजी डाली जायेगी जो शेयर पूंजी के रूप में होगी। इसमें 5,000 करोड़ रूपये का प्रारंभिक अनुदान होगा ।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से देश में आधारभूत ढांचे के विकास में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री के जावाब के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्त-पोषण बैंक विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी ।

गौरतलब है कि इस प्रकार के विकास वित्तीय संस्थान की स्थापना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट भाषण में की थी। मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी। इस संस्थान द्वारा निवेशकों से धन जुटाने के संबंध में कर छूट प्रदान करने का प्रावधान भी प्रस्तावित है।

सरकार को उम्मीद है कि यह संस्थान कुछ वर्षों में कम से कम तीन लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाएगा।

सरकार ने राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा विकास के लिए सात हजार परियोजनाओं की श्रृंखला तैयार की है। सरकार का लक्ष्य 2024-25 तक बुनियादी ढांचा विकास पर 110 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य है।

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल ने कहा कि यह सरकार का अच्छा कदम है और इससे अवसंरचना के विकास में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था की जाए कि प्रस्तावित बैंक के बोर्ड में पेशेवर लोग शामिल हों।

भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि यह बैंक ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि इस संस्था बनने के बाद देश के बुनियादी ढांचे के विकास होगा।

सिन्हा ने कहा कि यह विधेयक के अनुसार, बैंक एक स्वायत्त इकाई की तरह काम करेगा और किसी तरह से नौकरशाही का दखल नहीं होगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि इस संस्था में पेशेवर अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए।

भाजपा के शिवकुमार उदासी, रवि किशन और सुनीता दुग्गल, कांग्रेस के अमर सिंह, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, एआईएमआईम के इम्तियाज जलील और कुछ अन्य सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।

भाषा दीपक हक

दीपक मनोहर

मनोहर