सरसों तेल में गिरावट, बिनौला में सुधार, बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित |

सरसों तेल में गिरावट, बिनौला में सुधार, बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित

सरसों तेल में गिरावट, बिनौला में सुधार, बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : August 7, 2021/3:57 pm IST

नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबार के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को मांग होने के बावजूद सरसों तेल कीमतों में गिरावट आई, जबकि गुजरात की स्थानीय मांग होने से बिनौला तेल में सुधार आया। दूसरी ओर सामान्य कारोबार के बीच मांग कमजोर होने से सीपीओ और सोयाबीन तेल -तिलहन सहित विभिन्न तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में कारोबार का रुख सामान्य था लेकिन मांग कमजोर थी। उन्होंने कहा कि सरसों तेल में जो गिरावट है वह सामान्य घट बढ़ का हिस्सा है जबकि बाजार में सरसों की चौतरफा मांग है। पशुचारे और मुर्गीदाने के लिए भी सरसों और बिनौला खली की भी अच्छी मांग है। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों और सर्दियों के शुरू होते ही हरी सब्जियों के लिए सरसों की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए सरकार को अभी से इस विषय पर ध्यान देना होगा

उन्होंने कहा कि देश में सरसों की रोजाना आवक लगभग एक लाख 60 हजार से दो लाख बोरी की है जबकि खपत के लिए रोजाना मांग लगभग 3.5 लाख बोरी की है। इसके अलावा इस बार किसानों को छोड़कर सहकारी संस्थाओं और व्यापारियों के पास स्टॉक नहीं है। ऐसे में आगामी सर्दियों और त्योहारी मांग का इंतजाम करने के लिए सहकारी संस्था हाफेड और नाफेड को अभी से बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिये। पिछले साल इन सहकारी संस्थाओं के पास अपने पहले के साल के बचे हुए स्टॉक को मिलाकर लगभग 20-22 लाख टन सरसों का स्टॉक था और ये संस्थायें रोजाना 2-2.5 लाख बोरी सरसों बेच रही थीं। लेकिन इस बार सरसों की सर्दियों और त्योहारी मांग को तो आयात से भी पूरा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसकी पैदावार और कहीं नहीं होती और इसका कोई विकल्प भी नहीं है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि गुजरात की स्थानीय मांग होने के साथ-साथ बिनौला का ‘ऑफसीजन’ होने के कारण बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। बिनौला की अगली फसल अक्टूबर में आयेगी। दूसरी ओर बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित बने रहे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन दाने की कमी की वजह से सोयाबीन की 80-85 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की मांग को देखते हुए सरकार को सरसों का स्टॉक अभी से बना लेना चाहिये।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,850 – 7,900 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 6,295 – 6,440 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,250 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,195 – 2,325 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,525 -2,575 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,610 – 2,720 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,100 – 17,600 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,900 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,880 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,450 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,800 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,300 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,500 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,400 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 10,100 – 10,200, सोयाबीन लूज 10,000 – 10,050 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)