Edible Oil Price : सस्ता हुआ तेल, इस वजह से कीमतों में आई बड़ी गिरावट, देखें नई रेट

Today Edible Oil Price : सस्ते आयातित तेलों के आगे किसानों को अपनी उपज के कम दाम मिलने का खतरा उत्पन्न होगा

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  • Publish Date - September 14, 2022 / 09:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली।  Edible Oil Price :  विदेशों बाजारों में गिरावट के रुख के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन डीगम तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि कम भाव पर मांग निकलने से पामोलीन तेल, सोयाबीन तिलहन में सुधार दर्ज हुआ। मूंगफली तेल-तिलहन, सीपीओ, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर तथा बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

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बाजार सूत्रों ने कहा कि लगभग दो-ढाई महीने पहले सरकार द्वारा दो साल के लिए प्रत्येक वर्ष 20-20 लाख टन सोयाबीन डीगम और सूरजमुखी तेल का शुल्क मुक्त आयात करने की छूट दिये जाने के बाद इन तेलों की आपूर्ति श्रृंखला टूटने का खतरा है। वस्तुस्थिति यह है कि इन खाद्य तेलों की आयात की मासिक मांग लगभग दो से ढाई लाख टन की है और सरकार की साल में 20 लाख टन के शुल्कमुक्त आयात की छूट के हिसाब से महीने में केवल लगभग 1.65 लाख टन खाद्य तेल का ही आयात किया जा सकेगा। देश में महीने के भीतर दो-ढाई लाख टन की मांग के मुकाबले आयात अगर 1.65 लाख टन प्रति माह का हुआ तो मांग और आपूर्ति का एक बड़ा अंतर रह जायेगा। बाकी आयात के लिए सात रुपये किलो के हिसाब से शुल्क अदा करना होगा। ऐसे में कोई आयातक नये सौदे नहीं खरीद रहा है और आयात घट गया है। इससे देश को राजस्व की हानि तो हो ही रही है दूसरी ओर खुदरा बाजार में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की वजह से उपभोक्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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Edible Oil Price :  शुल्कमुक्त आयात होने के बावजूद खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को सोयाबीन रिफाइंड 25-30 रुपये लीटर तथा सूरजमुखी तेल के लिए 50-60 रुपये लीटर अधिक कीमत अदा करनी पड़ रही है। सरकार को खाद्य तेलों की आपूर्ति श्रृंखला को बनाये रखने के लिए सोयाबीन डीगम और सूरजमुखी तेल के आयात की सीमा को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिये या पहले की तरह पांच प्रतिशत का आयात शुल्क लगा देना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि मांग आपूर्ति का अंतर होने की वजह से शुल्कमुक्त खाद्य तेल के हिसाब से बाजार भाव तय हो जाने के बाद सात रुपये प्रति लीटर शुल्क अदायगी वाला आयातित तेल का खपना मुश्किल हो जायेगा। इससे तेल प्रसंस्करण करने वाली मिलों का कामकाज और स्थानीय किसान भी प्रभावित होंगे। सस्ते आयातित तेलों के आगे किसानों को अपनी उपज के कम दाम मिलने का खतरा उत्पन्न होगा।

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Edible Oil Price :  सूत्रों ने कहा कि कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन तेल 102-103 रुपये प्रति लीटर पड़ता है जबकि सूरजमुखी तेल 114-115 रुपये लीटर पड़ता है। लेकिन उपभोक्ताओं को खुदरा बाजार में इसका भाव क्रमश: 140-150 रुपये लीटर तथा सूरजमुखी तेल केक लिए लगभग 177-180 रुपये लीटर देने पड़ते हैं।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,730-6,780 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली -7,170-7235 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,745 – 2,935 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,150-2,240 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,180-2,295 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,000-19,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,530 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,400-5,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 5,350- 5,450 रुपये प्रति क्विंटल। 50 रुपये तेज

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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