नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) म्यूचुअल फंड की कंपनियों की परिसंपत्तियां वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 53.40 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गईं।
इस दौरान खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और शेयर बाजारों में तेजी से उद्योग को समर्थन मिला।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि यह वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से सबसे अधिक है। उस समय यह 41 प्रतिशत रही थी।
म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में मजबूत बढ़त के साथ ही निवेशकों की संख्या में भी अच्छी वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में निवेशकों की संख्या 17.78 करोड़ के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी। इस दौरान निवेशकों की संख्या लगभग 4.46 करोड़ बढ़ गई।
निवेशकों में लगभग 23 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि पुरुष लगभग 77 प्रतिशत थे।
व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) में मार्च, 2024 में शुद्ध निवेश बढ़कर 19,300 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023-24 में एसआईपी में शुद्ध निवेश दो लाख करोड़ रुपये रहा। इससे निवेशकों के बढ़ते विश्वास और अनुशासित निवेश करने की प्रवृत्ति का पता चलता है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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