एनबीएफसी सोने के बदले कर्ज में 20,000 रुपये से अधिक नकदी न देंः आरबीआई

एनबीएफसी सोने के बदले कर्ज में 20,000 रुपये से अधिक नकदी न देंः आरबीआई

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  • Publish Date - May 9, 2024 / 08:30 PM IST,
    Updated On - May 9, 2024 / 08:30 PM IST

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से कहा है कि वे आयकर कानूनों के अनुरूप सोने के बदले कर्ज देते समय 20,000 रुपये से अधिक नकद भुगतान न करें।

रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह की शुरुआत में सोने के बदले कर्ज देने वाले वित्त प्रदाताओं (फाइनेंसर) और सूक्ष्म-वित्त संस्थानों को दी गई एक सलाह में उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 269एसएस का पालन करने के लिए कहा है।

आयकर अधिनियम की धारा 269एसएस में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति भुगतान के निर्दिष्ट तरीकों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा की गई जमा या ऋण स्वीकार नहीं कर सकता है। इस धारा में नकदी की स्वीकृत सीमा 20,000 रुपये है।

इस परामर्श के कुछ सप्ताह पहले केंद्रीय बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने या वितरित करने से रोक दिया था।

रिजर्व बैंक की इस सलाह पर टिप्पणी करते हुए मणप्पुरम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वी पी नंदकुमार ने कहा कि इसमें नकद ऋण देने के लिए 20,000 रुपये की सीमा दोहराई गई है।

उन्होंने कहा कि मणप्पुरम फाइनेंस के आधे कर्ज ऑनलाइन माध्यम से वितरित किए जाते हैं और शाखाओं से मिलने वाले ऋण के लिए भी ज्यादातर ग्राहक सीधे हस्तांतरण को प्राथमिकता देते हैं।

इंडेल मनी के सीईओ उमेश मोहनन ने कहा कि इस निर्देश से पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन लाने में मदद मिलेगी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा न होने से प्रभाव पड़ सकता है।

मोहनन ने कहा कि यह निर्देश अनजाने में हाशिए पर मौजूद तबकों को आपात स्थिति में भी स्वर्ण ऋण तक पहुंच से बाधित कर सकता है जिससे वित्तीय पहुंच सीमित हो सकती है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय