एनसीईएल और एपीडा ने सहकारिता-आधारित कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया
एनसीईएल और एपीडा ने सहकारिता-आधारित कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मंगलवार को भारत के सहकारिता-आधारित कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक रणनीतिक साझेदारी बनाने को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और यह सहकारिता मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की क्षमताओं के समन्वय के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव और एनसीईएल के प्रबंध निदेशक अनुपम कौशिक ने अपने संगठनों की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एक सरकारी बयान के अनुसार, इस अवसर पर भूटानी ने कहा कि एनसीईएल के नेटवर्क को एपीडा की निर्यात सुविधा के साथ जोड़ने से किसानों के लिए मूल्य प्राप्ति में वृद्धि होगी, ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा मिलेगा और नई शुरू की गई राष्ट्रीय सहयोग नीति के उद्देश्यों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
यह साझेदारी क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, निर्यात के लिए गुणवत्ता अनुपालन, बुनियादी ढांचे का समर्थन और पुनरुद्धार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी, अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग और बाज़ार स्थिति निर्धारण, बाज़ार आसूचना और डेटा विश्लेषण, और वस्तु-विशिष्ट निर्यात रणनीति निर्माण पर केंद्रित होगी।
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, सहकारी समितियां संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से वैश्विक गुणवत्ता मानकों, खाद्य सुरक्षा और निर्यात दस्तावेज़ीकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगी।
एपीडा के निर्यात सुविधा प्रयासों को एनसीईएल के पहुंच नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि फलों, सब्जियों, मसालों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, अनाज और पशु उत्पादों के अनुपालन को सुव्यवस्थित किया जा सके।
सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पंकज कुमार बंसल ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एनसीईएल को एपीडा की तकनीकी विशेषज्ञता और नीतिगत समर्थन से सशक्त बनाता है, जिससे इसके सदस्य निर्यात उत्कृष्टता प्राप्त कर सकेंगे, नए बाजारों तक पहुंच बना सकेंगे और अपने उत्पादों के लिए प्रीमियम मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय

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