देश में दुर्लभ खनिजों के भंडार को विकसित करने की जरूरत: जिंदल

देश में दुर्लभ खनिजों के भंडार को विकसित करने की जरूरत: जिंदल

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 02:23 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 02:23 PM IST

मुंबई, 19 दिसंबर (भाषा) जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने खनिजों के घरेलू अन्वेषण पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का शुक्रवार को आह्वान किया। अमेरिका के ‘पैक्स सिलिका’ पहल से भारत को बाहर रखने के कुछ दिन बाद जिंदल ने यह टिप्पणी की है।

अमेरिका की इस रणनीतिक का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों व ऊर्जा से लेकर उन्नत विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम मेधा (एआई) अवसंरचना और साजोसामान तक एक सुरक्षित, समृद्ध एवं नवाचार-आधारित सिलिकॉन आपूर्ति शृंखला तैयार करना है।

इस्पात व इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र से जुड़े 23 अरब अमेरिकी डॉलर के समूह का नेतृत्व करने वाले जिंदल ने कहा कि भारत में दुर्लभ खनिजों का पर्याप्त भंडार है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे देश में दुर्लभ खनिजों की प्रचुरता है। हमने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया है। इसलिए, हमने अपने देश में दुर्लभ खनिजों के भंडार का पूरी तरह से दोहन नहीं किया है।’’

जिंदल ने कहा, ‘‘ हालांकि अब चीन से मिले झटके के बाद, मुझे लगता है कि देश हमारे दुर्लभ खनिजों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है।’’

‘पैक्स सिलिका’ पहल से देश को बाहर रखे जाने पर पर उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी ताकत को विकसित करना ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

जिंदल ने यहां ‘विश्व हिंदू आर्थिक मंच’ के दौरान संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ भारत को अपना विकास स्वयं करना होगा। आत्मनिर्भर भारत एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है और हमें इस पर काम करना होगा।’’

गौरतलब है कि अमेरिका कृत्रिम मेधा और सिलिकॉन आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने तथा चीन के प्रभुत्व को कम करने पर केंद्रित पहल का नेतृत्व कर रहा है। चीन 90 प्रतिशत से अधिक महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति करता है और निर्यात प्रतिबंध से रक्षा, मोटर वाहन और प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों पर वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ना तय है।

जिंदल ने कहा कि उनके समूह का मोटर उद्यम न केवल चीन से, बल्कि ब्रिटेन और जर्मनी जैसे दुनिया के अन्य हिस्सों से भी सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियां हासिल करने पर विचार कर रहा है।

उन्होंने साथ ही बताया कि अगले साल दिसंबर तक अपना पहला वाहन पेश करने की योजना सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

भाषा निहारिका रमण

रमण