नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) गैर-अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए भारत की पहली योजना के तहत मिले रिकॉर्ड प्रस्तावों से अगले पांच वर्षों में स्थानीय मूल्यवर्धन दोगुना होकर 40 प्रतिशत तक हो सकता है। उद्योग निकाय एल्सीना ने यह अनुमान जताया।
इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माताओं के निकाय ने राज्य सरकारों से केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) का समर्थन करने के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ाने का आग्रह किया है।
ईसीएमएस को 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो इस योजना के तहत अनुमानित 59,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से दोगुने से भी अधिक है।
एल्सीना के महासचिव राजू गोयल ने एक बयान में कहा, ”यह एक क्रांतिकारी बदलाव है और इसमें भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के मूल्यवर्धन को मौजूदा 15-20 प्रतिशत से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 35-40 प्रतिशत करने की क्षमता है।”
इस योजना के तहत कुल 249 कंपनियों ने आवेदन किए हैं, जिनकी एक समिति जांच करेगी।
एल्सीना के अध्यक्ष शशि गंधनम ने कहा कि ईसीएमएस में भारी भागीदारी एक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
भाषा पाण्डेय
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