ओला ने वाहन कारोबार को मजबूत बनाने के लिये कंपनी का पुनर्गठन किया

ओला ने वाहन कारोबार को मजबूत बनाने के लिये कंपनी का पुनर्गठन किया

ओला ने वाहन कारोबार को मजबूत बनाने के लिये कंपनी का पुनर्गठन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: October 19, 2021 8:34 pm IST

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) ऑनलाइन वाहन बुकिंग सुविधा देने वाले मंच ओला ने कंपनी का पुनर्गठन किया है और अपने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिकाओं का विस्तार किया है। कंपनी ने वाहन कारोबार को मजबूत बनाने तथा नये अवसरों का लाभ उठाने के प्रयास के तहत ये कदम उठाये हैं।

ओला के मुख्य वित्त अधिकारी एस सौरभ और मुख्य परिचालन अधिकारी गौरव पोरवाल कंपनी छोड़ रहे हैं।

ओला के चेयरमैन और समूह सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) भाविश अग्रवाल ने अपने कर्मचारियों को ई-मेल के जरिये बदलाव के बारे में सूचना दी है।

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उन्होंने ई-मेल में लिखा है, ‘‘पिछले एक साल में हमने अपने वाहन कारोबार को नया रूप दिया है। इसका मकसद इसे अधिक मजबूत और संरचानात्मक रूप से दक्ष बनाना है। साथ ही मजबूत वृद्धि और कोविड-पूर्व स्तर पर तेजी से लौटने में सक्षम बनाना है।’’

उन्होंने कहा कि ओला का वाहन वाणिज्य कारोबार- ओला कार्स, एक बड़ा संचालन बनने की ओर तेजी से बढ़ा है। इसके वितरण और वित्तीय सेवा कारोबार महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम ओला के अगले चरण की वृद्धि को लेकर काफी सकारात्मक हैं। इसी को ध्यान में रखकर हम अपने संगठन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं, इससे हमें उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।’’

इस बारे में ई-मेल के जरिये पूछे गये सवाल का ओला ने कोई जवाब नहीं दिया।

बदलाव के तहत ओला डिलिवरी कारोबार के सीईओ विनय भोपाटकर अब ‘मोबिलिटी बिजनेस’ के चालक और आपूर्ति परिवेश की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे।

ओला के मुख्य विपणन अधिकारी अंशुल खंडेलवाल आय को गति देने के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगे।

ओला कार्स के सीईओ अरुण सरदेशमुख अपनी भूमिका में बने रहेंगे। जबकि समूह के सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) अरुण कुमार जीआर वित्तीय कार्यों को देखते रहेंगे और ओला के वित्त से जुड़े सभी प्रमुख अधिकारी अब सीधे उन्हें रिपोर्ट करेंगे।

अग्रवाल ने कहा कि मुख्य वित्त अधिकारी एस सौरभ और मुख्य परिचालन अधिकारी गौरव पोरवाल कंपनी छोड़ रहे हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि ओला एक से 1.5 अरब डॉलर (7,324-10,985 करोड़ रुपये) का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाने की तैयारी में है। कंपनी इस संदर्भ में विवरण पुस्तिका दिसंबर तिमाही में बाजार नियामक सेबी के पास जमा कर सकती है। इस पर वह सिटीबैंक और कोटक महिंद्रा बैंक समेत कुछ बैंकों के साथ काम कर रही है।

हालांकि, कंपनी ने आईपीओ को लेकर कोई समयसीमा नहीं बतायी है।

भाषा

रमण अजय

अजय


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