नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी, अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता और रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं बीपी के गठजोड़ ने कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के दोहन के लिए आमंत्रित निविदा के नवीनतम दौर में 10 क्षेत्रों के लिए 13 बोलियां लगाई हैं।
तेल एवं गैस क्षेत्र के नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने बोलियां लगाने का दौर खत्म होने के बाद इनका संक्षिप्त ब्योरा जारी किया है। मुक्त क्षेत्र लाइसेंस नीति के आठवें दौर में 10 ब्लॉक के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं।
डीजीएच के मुताबिक, पांच कंपनियों ने 10 ब्लॉक के लिए कुल 13 बोलियां लगाई हैं। इनमें ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी), वेदांता लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल), सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस-बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लिमिटेड) शामिल हैं।
जिन 10 ब्लॉक के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं, उनमें से सात ब्लॉक के लिए सिर्फ एक बोली लगाई गई है जबकि बाकी तीन ब्लॉक के लिए दो-दो बोलियां आई हैं। वैश्विक ऊर्जा कंपनियों एक्सॉनमोबिल, शेवरॉन और टोटलएनर्जीज में से किसी ने भी इस नीलामी में हिस्सा नहीं लिया है।
डीजीएच के मुताबिक, ओएनजीसी छह ब्लॉक के लिए बोली लगाने वाली इकलौती कंपनी है जबकि रिलायंस-बीपी गठजोड़ ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन में गहरे समुद्र में स्थित ब्लॉक के लिए इकलौती बोली लगाई है।
ओएनजीसी ने नीलामी में रखे गए कुल 10 में से नौ ब्लॉक के लिए बोलियां लगाई हैं। उसने सिर्फ उस ब्लॉक के लिए बोली नहीं लगाई है जिसकी दावेदारी रिलायंस-बीपी ने की है।
वेदांता, ओआईएल और सन पेट्रोकेमिकल्स ने एक-एक ब्लॉक के लिए बोली लगाई है जहां पर उनका मुकाबला ओएनजीसी से होगा।
सरकार को उम्मीद है कि नए क्षेत्रों में अनुसंधान होने से भारत का तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐसा होने पर तेल आयात के 157 अरब डॉलर के बिल में कटौती का रास्ता भी साफ होगा।
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प्रेम अजय
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