नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पीएफसी ने बिजली मंत्रालय के साथ एक प्रदर्शन मूल्यांकन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके तहत एक वार्षिक लक्ष्य रूपरेखा निर्धारित की जाएगी जिसके आधार पर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उसकी उपलब्धियों का आकलन किया जाएगा।
सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी सीपीएसई (होल्डिंग एवं अनुषंगी दोनों) को समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है।
कंपनी ने बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सहमत लक्ष्यों के सापेक्ष प्रमुख चयनित मापदंडों पर सीपीएसई के प्रबंधन के प्रदर्शन को मापना है, ताकि संगठन के महत्वपूर्ण प्रदर्शन संकेतकों में सुधार किया जा सके।
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बिजली मंत्रालय (एमओपी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया।
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) के लिए लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के प्रदर्शन मूल्यांकन ढांचे के अनुसार विद्युत सचिव पंकज अग्रवाल और पीएफसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) परमिंदर चोपड़ा द्वारा समझौते पर ई-हस्ताक्षर किए गए।
पीएफसी ने बिना कोई और विवरण साझा किए कहा कि डीपीई के समझौता ज्ञापन प्रदर्शन मूल्यांकन ढांचे का उपयोग विभिन्न वित्तीय एवं परिचालन मानदंडों पर सीपीएसई के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए किया जाता है और सीपीएसई के समग्र प्रदर्शन का मूल्यांकन ऐसे समझौता ज्ञापन लक्ष्यों के आधार पर किया जाता है।
पीएफसी परिसंपत्ति आकार (एकीकृत) के आधार पर भारत की सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। यह बिजली मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करती है। यह भारत के विद्युत क्षेत्र के लिए प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में काम करती है।
भाषा निहारिका अजय
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