नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करने के लिए सरकार आगामी अंतरिम बजट में पीएलआई योजना का दायरा बढ़ा सकती है। डेलॉयट ने कहा कि इसमें कपड़ा, आभूषण और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है।
इस समय उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 14 क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है।
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर रजत वाही ने कहा कि ग्रामीण आय बढ़ाकर मुद्रास्फीति और उपभोग मांग में कमी से निपटा जा सकता है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”आज हमारे पास पीएलआई योजना के तहत 14 क्षेत्र हैं, लेकिन इनमें से कई क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा नहीं करते हैं। चमड़ा, परिधान, हस्तशिल्प और आभूषण जैसे कई क्षेत्रों को पीएलआई योजना में लाने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र सबसे अधिक रोजगार के अवसर तैयार करते हैं और इन्हें पीएलआई योजना के दायरे में लाने से कम आय वाले परिवारों के साथ ही शहरी लोगों को भी मदद मिलेगी।
डेलॉयट ने अपनी बजट अपेक्षाओं की रिपोर्ट में कहा कि सरकार से ग्रामीण परिवारों की आय में सतत वृद्धि के उपाय करने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट 2023-24 पेश करेंगी।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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