आरबीआई ने एआईएफ योजना में बैंक के निवेश की सीमा 10 प्रतिशत तय की
आरबीआई ने एआईएफ योजना में बैंक के निवेश की सीमा 10 प्रतिशत तय की
मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों और एनबीएफसी सहित किसी एकल विनियमित संस्था (आरई) द्वारा वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) योजना में निवेश की सीमा कोष के 10 प्रतिशत तक तय की।
भारतीय रिजर्व बैंक (एआईएफ में निवेश) निर्देश, 2025 के मुताबिक किसी भी एआईएफ योजना में सभी विनियमित संस्थाओं का कुल योगदान उस योजना के कोष के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
आरई से तात्पर्य बैंकों, एनबीएफसी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों से है।
आरबीआई ने दिसंबर, 2023 और बाद में मार्च, 2024 में एआईएफ में रिजर्व बैंक की विनियमित इकाइयों द्वारा निवेश के संबंध में नियामक दिशानिर्देश जारी किए थे।
आरबीआई ने मंगलवार को एक परिपत्र में कहा कि दिशानिर्देशों की समीक्षा उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के साथ ही सेबी के नियमों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उक्त नियम निवेशकों और एआईएफ के निवेश की विशिष्ट जांच से संबंधित हैं।
परिपत्र में कहा गया, ‘‘कोई भी विनियमित इकाई व्यक्तिगत रूप से किसी एआईएफ योजना के कोष में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान नहीं करेगी।’’
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि आरबीआई सरकार के परामर्श से कुछ एआईएफ को मौजूदा परिपत्रों और संशोधित निर्देशों के दायरे से छूट दे सकता है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय

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