मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपेक्षित कर्ज नुकसान (ईसीएल) के लिए प्रावधान व्यवस्था पर सुझाव देने के लिए बुधवार को नौ-सदस्यीय समिति का गठन किया।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि इस कार्य समूह की अध्यक्षता भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) बैंगलोर के पूर्व प्रोफेसर आर नारायणस्वामी करेंगे। इसमें शिक्षा और उद्योग जगत के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
कार्य समूह के लिए निर्धारित संदर्भ बिंदु में उन सिद्धांतों को चित्रित करना शामिल है जिन पर बैंकों को अपेक्षित ऋण हानि के आकलन और मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले ऋण जोखिम मॉडल बनाते समय गौर करना जरूरी होगा।
यह समिति उन कारकों की भी सिफारिश करेगी जिनका बैंकों को ऋण जोखिम निर्धारित करने के लिए विचार करना चाहिए। ऋण जोखिम का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक (आईएफआरएस) नौ में दिए गए मार्गदर्शन और बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (बीसीबीएस) द्वारा निर्धारित सिद्धांतों से होता है।
समिति को जोखिम मॉडलों के बाहरी स्वतंत्र सत्यापन के लिए अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली का सुझाव देने और प्रावधान के लिए विवेकपूर्ण स्तरों की सिफारिश करने का जिम्मा भी सौंपा गया है।
आरबीआई ने कहा कि मसौदा दिशानिर्देश तैयार करते समय कार्य समूह की सिफारिशों को ध्यान में रखा जाएगा और अंतिम दिशानिर्देश जारी करने से पहले उसे सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए भी रखा जाएगा।
आरबीआई ने 16 जनवरी, 2023 को ‘बैंकों के प्रावधान व्यवस्था के लिए अपेक्षित क्रेडिट हानि ढांचे का परिचय’ पर चर्चा पत्र जारी किया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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