नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) आज के बदलते औद्योगिक दौर में कृत्रिम मेधा (एआई) इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी के बीच के अंतर को कम कर रही है, ऐसे में टाटा टेक्नोलॉजीज ने कंपनी की वृद्धि के लिए क्षेत्र-आधारित रणनीति अपनाई है। कंपनी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) श्रीराम लक्ष्मीनारायणन ने यह कहा
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि समय-समय पर नई प्रौद्योगिकी आती रहती हैं, जैसे क्लाउड और ब्लॉकचेन, जिन्होंने उद्योगों को बहुत प्रभावित किया। अब कृत्रिम मेधा सबसे बड़ी लहर बनकर आया है और कंपनी के हर काम का मुख्य हिस्सा बन गया है।
उन्होंने कहा कि पहले वाहन विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्र में इंजीनियरिंग और आईटी को अलग-अलग देखा जाता था, लेकिन अब दोनों के बीच का अंतर घट गया है। इस कारण ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने और प्रस्ताव तैयार करने में कठिनाई आ रही है।
लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि कंपनी अब अपने क्षेत्र के ज्ञान (यानी किसी खास क्षेत्र की गहरी समझ) को सबसे महत्वपूर्ण बना रही है। यही चीज हमें बाकी कंपनियों से अलग करती है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रौद्योगिकी जानने से सब कुछ हल नहीं होता। एआई भी किसी खास क्षेत्र की पूरी समझ और संदर्भ नहीं दे सकता।
लक्ष्मीनारायणन ने कहा, ‘टाटा टेक्नोलॉजीज की सबसे बड़ी ताकत हमारा डोमेन ज्ञान और विशेषज्ञता है। यही हमारी कंपनी की असली पहचान है।’
लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि बदलावों के साथ कंपनी अब ग्राहकों की जरूरतों को और बेहतर तरीके से समझ रही है। अब हम ग्राहक-केंद्रित सोच अपनाते हैं और देखते हैं कि किसी खास ग्राहक के लिए हम कौन-कौन सी सेवाएं दे सकते हैं।
भाषा
योगेश रमण
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