रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, मुद्रास्फीति का रुख अब नीचे की ओर

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, मुद्रास्फीति का रुख अब नीचे की ओर

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, मुद्रास्फीति का रुख अब नीचे की ओर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: February 14, 2022 4:44 pm IST

नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि मुद्रास्फीति का रुख अब नीचे की ओर है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक मूल्यवृद्धि और आर्थिक वृद्धि के बीच एक उचित संतुलन कायम करने का काम जारी रखेगा।

रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों की बैठक के बाद दास ने यह बात कही।

इस बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया।

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दास ने कहा कि रिजर्व बैंक का मुद्रास्फीति का अनुमान ‘मजबूत’ है, लेकिन इसका रुझान नीचे की ओर है। हालांकि, इसके साथ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों का जोखिम जुड़ा है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक कोई राय बनाने से पहले कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के एक निश्चित दायरे पर गौर करता है।

गवर्नर ने कहा, ‘‘हमारा मुद्रास्फीति का अनुमान काफी ‘पुष्ट’ है और हम इसपर टिके हुए हैं। यदि कुछ ऐसा होता है जिसके बारे में पहले से पता नहीं है, तो आप जानते हैं। कच्चे तेल की कीमतें एक वजह हैं जिससे मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बन सकता है।’’

उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरता निश्चित रूप से हमारे दिमाग में है। इसका आशय मुद्रास्फीति के लक्ष्य पर टिके रहने से है। ‘‘रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जानता है और साथ ही उसे वृद्धि के उद्देश्य की भी जानकारी है।’’

दास ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से मुद्रास्फीति का रुख नीचे की ओर है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से सांख्यकीय कारणों की वजह से विशेषरूप से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची दिख रही है। इसी आधार प्रभाव का असर अगले कुछ माह के दौरान भी दिखेगा।

रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि सकल मुद्रास्फीति (हेडलाइन इनफ्लेशन) चालू वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में ऊपर जाएगी, लेकिन यह संतोषजनक दायरे में बनी रहेगी। इसके बाद 2022-23 की दूसरी छमाही में यह घटकर लक्ष्य के पास आएगी।

भाषा अजय

अजय रमण

रमण


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