मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में बदलाव नहीं, तीसरी तिमाही में GDP सकारात्मक रहने का अनुमान | Monetary review not to change repo rate, GDP projected to remain positive in third quarter

मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में बदलाव नहीं, तीसरी तिमाही में GDP सकारात्मक रहने का अनुमान

मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में बदलाव नहीं, तीसरी तिमाही में GDP सकारात्मक रहने का अनुमान

मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में बदलाव नहीं, तीसरी तिमाही में GDP सकारात्मक रहने का अनुमान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: December 4, 2020 6:40 am IST

मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को पेश द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रेपो दर में किसी तरह का बदलाव नहीं होने से लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज दरें यथावत रह सकती हैं।

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हालांकि, केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के मामले में उदार रुख बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में जरूरत पड़ने पर वह नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।

रिजर्व बैंक ने समीक्षा में यह भी कहा है कि तीसरी तिमाही से अर्थव्यवस्था की गति सकारात्मक दायरे में आ जायेगी। बैंक ने आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में आ रहे सुधार को देखते हुये तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 0.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2020- 21 में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट रहने का अनुमान है।

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मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिये गये फैसलों की ‘ऑनलाइन’ जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एमपीसी ने मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने के साथ आर्थिक वृद्धि में सतत रूप से तेजी लाने और कोविड-19 के अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को कम करने के लिये जबतक जरूरी हो… कम-से-कम चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष… नरम रुख बरकरार रखने का निर्णय किया है।’’

आरबीआई का यह निर्णय आथिक वृद्धि को गति देते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।

एमपीसी के इस निर्णय से जहां रेपो दर 4 प्रतिशत पर बनी रहेगी वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत रहेगी। जबकि बैंक दर और सीमांत स्थायी सुविधा दर दोनों 4.25 प्रतिशत पर पूर्ववत रहेंगी।

रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक फौरी जरूरतों के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं जबकि रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों से अतिरिक्त नकदी जिस दर पर प्राप्त की जाती है उसे रिवर्स रेपो दर कहते हैं।

इससे पहले, केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये मार्च से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत कटौती कर चुका है।

आरबीआई ने वाहनों की बिक्री, बिजली खपत और माल ढुलाई जैसे आंकड़ों में सुधार को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2020-21 के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी संशोधित किया है।

दास ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में इसमें क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।’’

इससे पहले आरबीआई ने 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उम्मीद से कम 7.5 प्रतिशत की गिरावट को देखते हुए आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये पहले लगाये गये जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।

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आरबीआई के अनुसार एमपीसी ने मुद्रास्फीति ऊंची रहने की आशंका जतायी है। हलांकि, जाड़े में खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी और आपूर्ति व्यवस्था बेहतर होने से खुदरा महंगाई दर नीचे आने की उम्मीद है।

दास के अनुसार मौजूदा स्थिति को देखते हुए महंगाई दर 2020-21 की तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में क्रमश: 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 5.2 प्रतिशत से 4.6 प्रतिशत को दायरे में रहने का अनुमान है।

खुदरा महंगाई (सीपीआई) आधारित मुद्रस्फीति सितंबर में 7.3 प्रतिशत और अक्टूबर 2020 में 7.6 प्रतिशत रही थी।

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दास ने यह भी कहा कि आरटीजीएस (पैसे का तुरंत अंतरण) प्रणाली अगले कुछ दिनों में सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कार्ड से संपर्करहित लेन-देन की सीमा जनवरी 2021 से दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी जायेगी।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वाणिज्यिक व सहकारी बैंक 2019- 20 का मुनाफा अपने पास ही रखेंगे और वित्त वर्ष के लिये किसी लाभांश का भी भुगतान नहीं करेंगे।

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छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 26वीं बैठक थी। इसमें तीन बाहरी सदस्य… आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शंका भिडे हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक दो दिसंबर को शुरू हुई। इस एमपीसी बैठक का ब्योरा 18 दिसंबर को जारी किया जाएगा।

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