RBI New Rules on Loan: RBI ने लिया बड़ा फैसला, इन नियमों में किया बदलाव, जानकर खुशी से झूम उठेंगे आप

RBI New Rules on Loan: RBI ने करोड़ों लोगों को बड़ी राहत दे दी है। RBI ने लोन खातों में लगने वाली पेनाल्टी और ब्याज दरों को लेकर नियम बदल दिए

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  • Publish Date - August 18, 2023 / 06:01 PM IST,
    Updated On - August 18, 2023 / 06:01 PM IST

नई दिल्ली : RBI New Rules on Loan: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने करोड़ों लोगों को बड़ी राहत दे दी है। RBI ने लोन खातों में लगने वाली पेनाल्टी और ब्याज दरों को लेकर नियम बदल दिए हैं। केंद्रीय बैंक ने लोन खाते पर पेनाल्टी लगाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही आरबीआई ने बताया है कि नए नियमें को अगले साल से लागू कर दिया जाएगा। आरबीआई का ये नया नियम सभी बैंकों पर लागू होगा। कॉमर्शियल, एनबीएफसी, सहकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, नाबार्ड, सिडबी जैसे सभी बैंकों पर नए नियम लागू होंगे।

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RBI ने जारी किए नए नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) द्वारा ‘दंडात्मक ब्याज’ को अपना राजस्व बढ़ाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में संशोधित नियम जारी किए हैं। नए नियमों के तहत कर्ज भुगतान में चूक के मामले में अब बैंक संबंधित ग्राहक पर सिर्फ ‘उचित’ दंडात्मक शुल्क ही लगा सकेंगे।

1 जनवरी 2024 से नए नियम होंगे लागू

RBI New Rules on Loan:  रिजर्व बैंक ने ‘उचित ऋण व्यवहार-कर्ज खातों पर दंडात्मक शुल्क’ के बारे में शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कहा कि बैंक और अन्य ऋण संस्थानों को एक जनवरी, 2024 से दंडात्मक ब्याज लगाने की अनुमति नहीं होगी।

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RBI ने कही ये बात

केंद्रीय बैंक की अधिसूचना में कहा है कि कर्ज लेने वाले व्यक्ति द्वारा लोन अनुबंध की शर्तों का अनुपालन नहीं करने पर उससे ‘दंडात्मक शुल्क’ लिया जा सकता है। इसे दंडात्मक ब्याज के रूप में नहीं लगाया जाएगा। दंडात्मक ब्याज को बैंक अग्रिम पर वसूली जाने वाली ब्याज दरों में जोड़ देते हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि दंडात्मक शुल्क उचित होना चाहिए। यह किसी कर्ज या उत्पाद श्रेणी में पक्षपातपूर्ण नहीं होना चाहिए।

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नहीं होगी अतिरिक्त ब्याज की गणना

RBI New Rules on Loan:  अधिसूचना में कहा गया है कि दंडात्मक शुल्क का कोई पूंजीकरण नहीं होगा। ऐसे शुल्कों पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जाएगी। हालांकि, केंद्रीय बैंक के ये निर्देश क्रेडिट कार्ड, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज, व्यापार क्रेडिट आदि पर लागू नहीं होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने की मंशा कर्ज लेने वाले में ऋण को लेकर अनुशासन की भावना लाना होता है। इसे बैंकों द्वारा अपना राजस्व बढ़ाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’’

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