आरबीआई का अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान

आरबीआई का अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान

आरबीआई का अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान
Modified Date: February 7, 2025 / 11:29 am IST
Published Date: February 7, 2025 11:29 am IST

मुंबई, सात फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी की उम्मीद के बीच अगले वित्त वर्ष (2025-26) में खुदरा महंगाई दर 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। वहीं चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत के अनुमान को बरकरार रखा।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि आपूर्ति के मार्चे पर किसी झटके की आशंका नहीं है। इसके साथ, खरीफ फसलों का उत्पादन बेहतर रहने, जाड़े में सब्जियों के दाम में नरमी तथा रबी फसलों को लेकर अनुकूल संभावनाओं को देखते हुए खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है, लेकिन यह मध्यम स्तर पर रहेगी।

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मल्होत्रा ने कहा कि दूसरी तरफ ऊर्जा के दाम में अस्थिरता और प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के साथ वैश्विक वित्तीय बाजारों में जारी अनिश्चितता को देखते हुए मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, 2024-25 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष में 4.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अपनी पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, ‘‘अगले साल मानसून सामान्य रहने के अनुमान के साथ 2025-26 में सीपीआई मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में इसके 4.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4.0 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।’’

आरबीआई ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में 2024-25 के लिए सकल मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। चौथी तिमाही में इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने की संभावना जतायी गयी थी। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत तथा दूसरी तिमाही में चार प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

उल्लेखनीय है कि खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई है। इसका मुख्य कारण सब्जियों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आना है। नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत पर थी।

जुलाई-अगस्त के दौरान यह औसतन 3.6 प्रतिशत थी। उसके बाद सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई।

चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक कुल मुद्रास्फीति में सब्जियों और दालों का योगदान 32.3 प्रतिशत था।

भाषा रमण अजय

अजय


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