आरबीआई के कदम से कर्ज मांग बढ़ेगी, आर्थिक वृद्धि को मिलेगी गति: बैंक अधिकारी

आरबीआई के कदम से कर्ज मांग बढ़ेगी, आर्थिक वृद्धि को मिलेगी गति: बैंक अधिकारी

आरबीआई के कदम से कर्ज मांग बढ़ेगी, आर्थिक वृद्धि को मिलेगी गति:  बैंक अधिकारी
Modified Date: June 6, 2025 / 04:55 pm IST
Published Date: June 6, 2025 4:55 pm IST

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) बैंकों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को एक प्रतिशत घटाने के फैसले से खुदरा, कृषि एवं एमएसएमई समेत विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज मांग में तेजी आने के साथ पूंजीगत व्यय बढ़ेगा और कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।

महंगाई दर में नरमी के बीच आरबीआई ने शुक्रवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ आरबीआई ने बैंकों के लिए अप्रत्याशित रूप से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की।

सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा रेपो दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत करने और सीआरआर को चार चरणों में एक प्रतिशत कम करने का निर्णय एक मजबूत तथा समय पर नीतिगत बदलाव को दर्शाता है जो मूल्य स्थिरता के साथ वृद्धि को संतुलित करने के अनुरूप है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ सीआरआर में कटौती के निर्णय से बैंकिंग प्रणाली में नकदी में 2.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि से ऋण के मोर्चे पर स्थिति अच्छी होने की उम्मीद है…हमारा मानना है कि इन फैसलों से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कर्ज विस्तार जरूरी गति मिलने की उम्मीद है, जो समावेशी आर्थिक वृद्धि को तेज करेगा।’’

इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ बिनोद कुमार ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती से खुदरा, कृषि तथा एमएसएमई (सूक्ष्म, छोटे एवं मझोले उद्यम) जैसे क्षेत्रों में ऋण मांग में वृद्धि होगी। इससे निजी पूंजीगत व्यय को भी बढ़ावा मिलेगा। सीआरआर में कटौती से बैंकों के पास अधिक नकदी उपलब्ध होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऋण वृद्धि पर आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई बहुत सक्रिय कदम उठा रहा है। कम ब्याज दरें, विशेष रूप से किफायती आवास के लिए खुदरा मांग को बढ़ावा देंगी। अच्छे मानसून के साथ कम ब्याज दरें कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत हैं।’’

एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ त्रिभुवन अधिकारी ने कहा, ‘‘ रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती आरबीआई द्वारा उठाया गया एक साहसिक कदम है। फरवरी 2025 से नीतिगत दर में एक प्रतिशत की कटौती आर्थिक गति को तेज करने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जबकि मुद्रास्फीति को प्रबंधनीय स्तरों के भीतर रखा गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुद्रास्फीति में कमी तथा वृद्धि पूर्वानुमान के 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने के बीच प्रमुख ब्याज दर में कटौती से उधार लेने की लागत में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदने वालों के लिए निर्णय लेना आसान होगा।’’

निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘‘

रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती और सीआरआर को एक प्रतिशत तक घटाने की घोषणा, वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के मद्देनजर समग्र मांग को बढ़ावा देने के केंद्रीय बैंक के प्रयासों को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा कहा जा रहा है कि, ‘उदार’ से ‘तटस्थ’ रुख में बदलाव संभवत: यह संकेत देता है कि मौद्रिक नीति समिति के लिए अब निकट भविष्य में नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश सीमित रह गई है। हालांकि, यह केंद्रीय बैंक के आंकड़ों पर निर्भर करेगा। शायद अब हम 2025 में रेपो दर में कोई और कटौती नहीं देखेंगे।’’

मुथूट फिनकॉर्प लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) जॉन मुथूट ने रेपो दर में कटौती पर कहा, ‘‘ आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा समावेशी वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में समय पर उठाया गया और विवेकपूर्ण कदम है। रेपो दर में कटौती और सीआरआर में कमी की घोषणा से न केवल कोष की लागत कम होगी बल्कि बैंक प्रणाली में अधिक नकदी भी आएगी।’’

भाषा अनुराग रमण निहारिका

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