मुंबई, 17 अक्टूबर (भाषा) दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 9.6 प्रतिशत बढ़कर 18,165 करोड़ रुपये रहा। इसमें खुदरा और दूरसंचार कारोबारों के मजबूत प्रदर्शन और तेल-से-रसायन (ओ2सी) खंड में सुधार की अहम भूमिका है।
कंपनी ने शुक्रवार को जुलाई-सितंबर, 2025 तिमाही के इस वित्तीय नतीजे की सूचना शेयर बाजारों को दी। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का लाभ 16,563 करोड़ रुपये रहा था।
हालांकि, मौजूदा स्टॉक के स्तर पर नुकसान बढ़ने से कंपनी का तिमाही आधार पर एकीकृत शुद्ध लाभ 33 प्रतिशत घटकर 18,165 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 26,994 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया था।
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी ने एक बयान में कहा कि आलोच्य अवधि में उसके दूरसंचार कारोबार की आय में 13 प्रतिशत और खुदरा कारोबार के लाभ में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जियो के नए ग्राहक जोड़ने, प्रति उपयोगकर्ता औसत आय (एआरपीयू) बढ़ने और वायरलेस ब्रॉडबैंड जियोएयरफाइबर के दुनिया की सबसे बड़ी सेवा बनने से जियो प्लेटफॉर्म्स का लाभ बढ़कर 7,379 करोड़ रुपये हो गया। रिलायंस जियो का ग्राहक आधार 50.64 करोड़ हो गया है, जबकि पिछली तिमाही में यह 49.81 करोड़ था।
कंपनी की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने सितंबर तिमाही में 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,457 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। इस दौरान 229 नए स्टोर खुलने से इसके स्टोर की कुल संख्या 19,821 हो गई।
आरआईएल के मुख्य कारोबार तेल-से-रसायन खंड में कंपनी की ईबीआईटीडीए (कर, ब्याज एवं कराधान से पहले की आय) 21 प्रतिशत बढ़कर 15,008 करोड़ रुपये हो गई। उच्च उत्पाद मार्जिन और 2.08 करोड़ टन के अब तक के सबसे अधिक रिफाइनिंग प्रसंस्करण की इसमें अहम भूमिका रही।
हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने से मौजूदा स्टॉक के मूल्य में गिरावट आई। पहली तिमाही के मुकाबले उसके स्टॉक मूल्य में क्षति दोगुनी होकर 8,421 करोड़ रुपये हो गई।
समीक्षाधीन अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कर-पूर्व लाभ 14.6 प्रतिशत बढ़कर 50,367 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी का कर्ज बढ़कर 3.48 लाख करोड़ रुपये हो जाने से इसका ब्याज व्यय 13.5 प्रतिशत बढ़ गया जबकि मूल्यह्रास 12 प्रतिशत बढ़कर 14,416 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी के खुदरा तेल कारोबार जियो-बीपी संयुक्त उद्यम ने डीजल एवं पेट्रोल की बिक्री में 30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जबकि इसके पेट्रोल पंप की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई।
हालांकि तेल एवं गैस कारोबार में केजी-डी6 ब्लॉक से गैस उत्पादन घटने के कारण जियो-बीपी का कर-पूर्व लाभ 5.4 प्रतिशत गिरकर 5,002 करोड़ रुपये रहा। इस ब्लॉक से औसतन दैनिक गैस उत्पादन 2.61 करोड़ घन मीटर और तेल उत्पादन 18,746 बैरल रहा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “दूसरी तिमाही में रिलायंस का प्रदर्शन मजबूत रहा। इसका श्रेय हमारी तीन प्रमुख व्यवसायिक इकाइयों… ओ2सी, जियो और खुदरा कारोबार को जाता है। जियो की प्रौद्योगिकी में बढ़त और देशव्यापी 5जी नेटवर्क ने कंपनी को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।”
अंबानी ने कहा कि खुदरा कारोबार के सभी खंडों में मात्रात्मक वृद्धि होने से राजस्व और ईबीआईटीडीए आय दोनों में सशक्त वृद्धि हुई है। इसके अलावा अत्यधिक स्थानीय स्तर पर आपूर्ति के मॉडल में भी तेजी आई है।
अंबानी ने कहा, ‘जीएसटी प्रणाली में हाल ही में घोषित सुधारों से खपत-आधारित वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा।’
ओ2सी खंड के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि ऊर्जा बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद ईंधन मार्जिन में सुधार हुआ है जबकि डाउनस्ट्रीम केमिकल उत्पादों पर अब भी अधिक उत्पादन क्षमता का असर बना हुआ है।
अंबानी ने नई ऊर्जा, मीडिया एवं उपभोक्ता ब्रांड्स को कंपनी की वृद्धि के नए इंजन बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में ये कारोबार भारतीय उपभोक्ताओं को सही कीमतों पर सही उत्पाद मुहैया कराएंगे।
इसके साथ ही अंबानी ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) से जुड़ी पहलें भारत एवं देशवासियों के हित में रिलायंस की प्रौद्योगिकी बढ़त को बनाए रखने के उद्देश्य से संचालित हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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