बीएसपीएल परिसमापन फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में हो: पूर्व प्रवर्तक

बीएसपीएल परिसमापन फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में हो: पूर्व प्रवर्तक

बीएसपीएल परिसमापन फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में हो: पूर्व प्रवर्तक
Modified Date: July 21, 2025 / 01:36 pm IST
Published Date: July 21, 2025 1:36 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के पूर्व प्रवर्तकों ने उच्चतम न्यायालय से दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत बीएसपीएल के परिसमापन के आदेश संबंधी दो मई के फैसले के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई का सोमवार को अनुरोध किया।

शीर्ष अदालत ने भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड (बीएसपीएल) के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को अवैध और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) का उल्लंघन बताते हुए मई में खारिज कर दिया था।

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने आईबीसी के तहत बीएसपीएल के परिसमापन का भी आदेश दिया था।

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बीएसपीएल के पूर्व प्रवर्तक संजय सिंघल और उनका परिवार हैं। इनमें उनके पिता बृजभूषण सिंघल और भाई नीरज सिंघल शामिल हैं।

कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सोमवार को प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ से कहा कि पुनर्विचार याचिका को खुली अदालत में सुनवाई के लिए एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

वरिष्ठ वकील ने कहा कि परिसमापन के अधीन कंपनी की संपत्तियों का मूल्य न्यायाधिकरण द्वारा बहुत कम निर्धारित किया गया है और शेष देनदारियों का भुगतान पूर्व प्रवर्तकों को करना होगा।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मुझे एक पीठ गठित करने दीजिए।’’

आमतौर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर संबंधित न्यायाधीशों द्वारा ‘चैंबर’ में परिपत्र के माध्यम से निर्णय लिया जाता है।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में समाधान प्रक्रिया में सभी प्रमुख हितधारकों, समाधान पेशेवर, ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) और राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के आचरण की आलोचना की थी और इसे आईबीसी का ‘‘घोर उल्लंघन’’ करार दिया था।

न्यायमूर्ति त्रिवेदी (अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं) ने प्रक्रियागत खामियों और आईबीसी के उद्देश्यों को बनाए रखने में विफलता के लिए सफल समाधान आवेदक (एसआरए) जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड सहित कई हितधारकों की आलोचना की थी।

पीठ ने कहा था कि सीओसी, जेएसडब्ल्यू की समाधान योजना को मंजूरी देते समय अपने वाणिज्यिक विवेक का प्रयोग करने में विफल रही, जो आईबीसी और सीआईआरपी विनियमों के अनिवार्य प्रावधानों का पूर्ण उल्लंघन है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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