एसयूवी की बढ़ती मांग सड़क सुरक्षा के लिए खतरा, सरकार बिक्री को हतोत्साहित करे : ग्लोबल एनसीएपी

एसयूवी की बढ़ती मांग सड़क सुरक्षा के लिए खतरा, सरकार बिक्री को हतोत्साहित करे : ग्लोबल एनसीएपी

एसयूवी की बढ़ती मांग सड़क सुरक्षा के लिए खतरा, सरकार बिक्री को हतोत्साहित करे : ग्लोबल एनसीएपी
Modified Date: December 5, 2023 / 07:16 pm IST
Published Date: December 5, 2023 7:16 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) वाहन उद्योग द्वारा बड़े और भारी स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) बेचने की लगातार कोशिश सड़क सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरणीय चुनौती भी है और सरकार को इन बड़े वाहनों की बिक्री को हतोत्साहित करना चाहिए। ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।

इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ग्लोबल एनसीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिकतम कदम उठाए हैं, जिसमें जीएनसीएपी के साथ साझेदारी के साथ भारत एनसीएपी का विकास भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े और भारी एसयूवी की बिक्री सड़क सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। विशेष रूप से यह छोटे, अधिक (ईंधन) कुशल वाहन चलाने वालों और जोखिम वाली सड़कों का इस्तेमाल करने वालों की दृष्टि से और खराब है।’’

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वार्ड के अनुसार, इससे कुछ जोखिम वाले सड़कों पर वाहन में सवार लोगों के लिए घातक चोटों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनसे टकराने वाले वाहन की बोनट की ऊंचाई बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अन्य देशों में एसयूवी की बढ़ती वृद्धि और मांग- एक बड़ी सड़क सुरक्षा और पर्यावरण चुनौती है, सरकारों को इन बड़े वाहनों की बिक्री को हतोत्साहित करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कारें भारी, लंबी और अधिक शक्तिशाली हो गई हैं।

उदाहरण के लिए, किसी पैदल यात्री या साइकिल चालक को 90 सेमी ऊंचे बोनट वाली कार से टक्कर लगने पर 10 सेमी ऊंचे बोनट वाले वाहन से टकराने की तुलना में घातक चोट लगने का जोखिम 30 प्रतिशत अधिक होता है।

उन्होंने कहा कि बड़ा वाहन अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए गंभीर चोट के जोखिम को मध्यम आकार की एसयूवी की तुलना में लगभग एक-तिहाई अधिक बढ़ा दिया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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