नई दिल्ली, 28 अगस्त। नासिक के थोक बाजार में टमाटर की कीमतों में कम से कम 50 प्रतिशत की गिरावट आई है और इस सत्र में अधिक उत्पादन और कम निर्यात के कारण यह 2.5-9 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है। व्यापारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में टमाटर भी खराब मौसम की वजह से खराब हो गए हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ा है। नासिक एपीएमसी सचिव अरुण काले ने कहा कि टमाटर की कीमतें पिछले सत्र में 300-350 रुपये प्रति क्रेट की तुलना में गुणवत्ता के आधार पर चालू सत्र (जून-जनवरी) में 50-180 रुपये प्रति क्रेट, 20 किलोग्राम प्रति क्रेट पर आ गई हैं।
Read More News: 7th Pay Commission,सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘फेस्टिवल गिफ्ट’.. बढ़ जाएगी सैलरी
काले ने कहा, ‘निर्यात की कमी, क्षेत्र में अधिक उत्पादन और वर्षा के असमान वितरण ने उपज की गुणवत्ता को प्रभावित किया है, जिसने इसे पहले की तुलना में अत्यधिक खराब होने योग्य बना दिया है, जिसने कई किसानों को अपनी उपज सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर किया।’ इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि उच्च ईंधन की कीमतों ने थोक कीमतों की तुलना में लागत बढ़ने के कारण किसानों को अपनी उपज को मंडियों तक ले जाने और इसे डंप करने में मुश्किल हो रही है।
Read More News: हेमचंद यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में एडमिशन के लिए आए एक लाख सात हजार आवेदन, लेकिन सीट मात्र 37 हजार
नासिक एपीएमसी के बालासाहेब पटोले ने आगे कहा कि अब तक किसानों द्वारा लगभग 1,000-1,500 क्रेट टमाटर फेंके जा चुके हैं। हालांकि, पिछले 1-2 दिनों से हालात में सुधार हो रहा है क्योंकि आवक धीमी हो गई है और मंडी में टमाटर की बेहतर गुणवत्ता आ रही है। उन्होंने कहा, ‘स्थितियों में सुधार हो रहा है, हालांकि, हम यह नहीं कह सकते कि कीमतें कब सामान्य होंगी।’ किसान राहुल अवध ने कहा कि पिछले साल की तरह उत्पादन बढ़ा है, टमाटर की कीमतें बहुत अच्छी हैं, और इस साल उपज बहुत अधिक है।
देश में वित्त वर्ष 2023-24 में एक लाख से अधिक…
18 mins ago