विनिर्माण, स्टार्टअप पर केंद्रित होगी 10,000 करोड़ रुपये की ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना: डीपीआईआईटी सचिव

विनिर्माण, स्टार्टअप पर केंद्रित होगी 10,000 करोड़ रुपये की 'फंड ऑफ फंड्स' योजना: डीपीआईआईटी सचिव

  •  
  • Publish Date - February 4, 2025 / 07:03 PM IST,
    Updated On - February 4, 2025 / 07:03 PM IST

नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) बजट में स्टार्टअप के लिए घोषित 10,000 करोड़ रुपये की ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना (एफएफएस) विनिर्माण और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इन क्षेत्रों को लंबे समय के लिए वित्तपोषण की जरूरत होती है।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि नयी योजना पूरी तरह से अलग कोष पर आधारित होगी। यह उन स्टार्टअप की जरूरतों को पूरा करेगी, जो उच्च तकनीक से जुड़े हैं और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार पर केंद्रित हैं।

सरकार ने देश में उभरते उद्यमियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को 10,000 करोड़ रुपये के नये एफएफएस की घोषणा की थी। वर्ष 2016 में भी सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ इसी तरह की योजना शुरू की थी।

भाटिया ने कहा कि एफएफएस की पहली श्रृंखला ने देश में एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद की। इसने स्टार्टअप को बहुत जरूरी पूंजी दी है।

उन्होंने कहा कि बजट में घोषित दूसरी श्रृंखला के लिए हमने पहले ही एआईएफ, सिडबी के साथ परामर्श किया है… हमें उम्मीद है कि इससे स्टार्टअप के एक व्यापक दायरे को शामिल करने में मदद मिलेगी, जिन्हें लंबी अवधि के कोष की जरूरत है, जिन्हें इक्विटी निवेश के अलावा विभिन्न प्रकार के दूसरे वित्त पोषण की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि नई योजना पहले से ही लागू एफएफएस को आगे नहीं बढ़ाएगी। इससे पहले 2016 में शुरू की गई पहली एफएफएस के जरिये 1,180 से अधिक स्टार्टअप में वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के तहत 21,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा चुका है।

भाटिया ने कहा कि डीपीआईआईटी प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल से कुछ डेटा और मानचित्रों को निजी क्षेत्र के साथ साझा करने के संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाले पोर्टल से डेटा को निजी क्षेत्र के साथ साझा करने के तरीके पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके विकल्पों में से एक परियोजना के लिए निजी क्षेत्र द्वारा उठाए गए प्रश्नों के आधार पर डेटा देना है, जो डेटा साझा करने का सबसे सुरक्षित तरीका होगा।

भाषा

पाण्डेय अजय

अजय