माजूली की सड़क के लिये 1,075 करोड़ रुपये, कामाख्या मंदिर के लिये 300 करोड़ रुपये की सिफारिश

माजूली की सड़क के लिये 1,075 करोड़ रुपये, कामाख्या मंदिर के लिये 300 करोड़ रुपये की सिफारिश

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  • Publish Date - February 2, 2021 / 03:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) असम के माजूली में द्वीप के चारों ओर एक नया तटबंध-सह-सड़क बनाने के लिये 15वें वित्त आयोग ने 1,075 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। इसके साथ ही गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर के व्यापक विकास की एक परियोजना के लिये आयोग ने 300 करोड़ रुपये सिफारिश की है।

एनके सिंह की अगुवाई वाले 15वें वित्त आयोग ने सोमवार को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में ही आयोग ने ये सिफारिशें की।

माजूली असम के वैष्णव मठों (सत्तार) की पीठ भी है। यह ब्रह्मपुत्र घाटी की विशाल गतिशील नदी प्रणाली का एक हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 2,706 किलोमीटर है और 580,000 वर्ग किलोमीटर का जलग्रहण क्षेत्र है। यह द्वीप लगभग 80 किलोमीटर की लंबाई और 10-15 किलोमीटर की चौड़ाई के साथ कुल 875 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह समुद्र तल से 85-90 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित है।

गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर देश के सबसे बड़े शक्ति मंदिरों में से एक है। नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर तांत्रिक उपासकों और हिंदुओं के लिये एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

माजूली अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण सामान्य बाढ़ में भी जलमग्न हो जाता है। द्वीप के दक्षिणी किनारे पर 1950 से कटाव हो रहा है, जिससे लगातार जमीन का क्षेत्र कम हो रहा है और कई गांव व सत्तार मिटते जा रहे हैं।

तटबंध-सह-सड़क के एक बार निर्मित होने के बाद माजूली के कटाव रुकने और द्वीप के चारों ओर सड़क से यात्रा में आराम मिलने की उम्मीद है।

2011 की जनगणना के अनुसार, माजूली की कुल आबादी 1.67 लाख है, जो 248 गांवों में रहते हैं।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर